मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवा का अहम फोरम ‘डीएचएस’ पूरे प्रदेश में हुआ अव्वल, गुणवत्तापूर्ण बैठक के लिए मिली रैंक





गोरखपुर। मातृ शिशु स्वास्थ्य की दृष्टि से जिले का सबसे अहम फोरम जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) पूरे प्रदेश में अव्वल आया है। यह रैंक वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रत्येक माह की स्कोरिंग के आधार पर गुणवत्तापूर्ण बैठकों के लिए मिली है। यह समिति प्रजनन, मातृत्व, नवजात, बाल व किशोर स्वास्थ्य, पोषण, संचारी रोगों की रोकथाम और राष्ट्रीकृत कार्यक्रमों की दशा और दिशा तय करने में प्रति माह की बैठक के जरिये अहम भूमिका निभाती है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि समिति की बैठक में न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि जिला प्रशासन के नेतृत्व में आईसीडीएस विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, नगर निगम, शिक्षा विभाग समेत तीस से ज्यादा विभाग व स्वयंसेवी संस्थाएं प्रतिभाग करती हैं। इन सभी की प्रतिभागिता व समन्वय से स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदृढ़ किया जा रहा है। शासन स्तर पर प्रतिमाह बैठकों की समीक्षा की जाती है। इसी आधार पर गोरखपुर जिले को 82.8 फीसदी अंकों के साथ पहला स्थान मिला है। इस उपलब्धि में जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश और मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के कुशल नेतृत्व और जिले के समस्त चिकित्सा अधिकारियों, जिला कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई और सहयोगी संस्थाओं की अहम भूमिका है। डॉ दूबे ने बताया कि समिति की बैठकों में नियमित टीकाकरण, छाया वीएचएसएनडी सेवाओं, नवजात स्वास्थ्य और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े सभी कार्यक्रमों की समीक्षा कर गैप्स पर चर्चा की जाती है। गैप्स वाले ब्लॉक से कारण पूछ कर समुचित निदान किया जाता है। जिले की स्वास्थ्य सम्बन्धित आवश्यकताओं के बारे में चर्चा होती है और सहयोगी संस्थाएं भी अपना फीडबैक देती हैं। इनके जरिये स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मजबूत करने में मदद मिल रही है। प्रति माह बैठक होने के बाद शासन को कार्यवृत्ति भेजी जाती है और इस कार्यवृत्ति के आधार पर ही स्कोरिंग की जाती है। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद ने बताया कि पहली बार वर्ष 2020-21 में डीएचएस की बैठक की रैंकिंग की गयी थी। उस रैकिंग में 21.67 फीसदी अंक के साथ गोरखपुर जिले को 45वां स्थान मिला था। धीरे धीरे बैठकों की गुणवत्ता पर कार्य किया गया। जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ समेत एनएचएम के उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देश के अनुसार बैठकों की गुणवत्ता में सुधार किया गया। डीपीएम ने बताया कि प्रति माह निर्धारित कुल 15 अंकों की स्कोरिंग की जाती है। इस तरह अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक हुई स्कोरिंग में कुल 180 अंकों में से गोरखपुर जिले को 149 अंक प्राप्त हुए हैं।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< सादात थाने में चलाया गया पौधरोपण अभियान, पौधरोपण की अपील
जखनियां : अस्पतालों के सामने निकासी न होने से जमा है बरसाती पानी, दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल >>