यादों के झरोखे से : लखनऊ से मुलायम और सादात से कालीचरण ने यूपी को दिखाई थी ताकत, बड़ा भाई मानते थे मुलायम
सादात। सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सादात के समता कालेज के संस्थापक एवं पूर्व शिक्षामंत्री स्व. कालीचरण यादव से गहरा रिश्ता रहा। उत्तर प्रदेश का तीन बार मुख्यमंत्री और भारत सरकार में रक्षामंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव पूर्व शिक्षामंत्री कालीचरण यादव को बड़े भाई का दर्जा व सम्मान दिया करते थे। दोनों ही नेताओं ने ’संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी’ की सदस्यता ग्रहण की। वर्ष 1967 में मुलायम सिंह पहली बार संसोपा के टिकट पर विधायक चुने गए और डॉ. लोहिया के निधन के बाद 1969 में संसोपा का नवगठित भारतीय क्रान्ति दल में विलय हो गया। आपात काल में कालीचरण यादव एवं मुलायम सिंह एक साथ जेल यात्रा किये। धरातल से जुड़े दोनों नेताओं में गहरा राजनीतिक जुड़ाव रहा। लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया के अनुयायी रहे कालीचरण यादव तत्कालीन सादात विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद सन 1977 में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद तीनों शिक्षा के कैबिनेट मंत्री बने, जबकि मुलायम सिंह को सहकारिता विभाग की ज़िम्मेदारी मिली। लखनऊ में दोनों ही नेताओं का कमरा आमने-सामने ही था। राजनीतिक उतार चढ़ाव के बीच कालीचरण यादव काफी समय तक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर सिंह और चौधरी अजीत सिंह के साथ राजनीति किये। जीवन के अंतिम दशक में वह मुलायम सिंह यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राजनीति किये। एक बार कार्यक्रम के दौरान समता कालेज सादात पर मुलायम सिंह यादव यहां आए थे। समाजवाद के यह दोनों ही ध्रुव अनन्त की यात्रा पर जा चुके हैं। सबसे पहले कालीचरण यादव 13 नवम्बर 2017 को तो 10 अक्टूबर 2022 को मुलायम सिंह यादव स्वर्ग सिधार गये। उनके निधन से हर कोई मर्माहत है।