एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन, सर्वाधिक 14 कायाकल्प अवार्ड पाने वाले सारथी हुए सम्मानित





गोरखपुर। शहरी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण प्रजनन और किशोर स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित कराने के संबंध में एक दिवसीय मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन शहर के एक निजी होटल में शुक्रवार को किया गया। पीएसआई इंडिया संस्था के सहयोग से एडी हेल्थ डॉ आईबी विश्वकर्मा की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम के दौरान गोरखपुर मंडल के कायाकल्प अवार्ड के सारथी भी पुरस्कृत किये गये। मंडल के 19 शहरी स्वास्थ्य इकाइयों ने वर्ष 2021-22 में कायाकल्प अवार्ड जीता, जो कि सूबे में सर्वाधिक है। गोरखपुर जिले की बसंतपुर यूपीएचसी पूरे प्रदेश में नंबर वन रही, जबकि महराजगंज की इंदिरा नगर यूपीएचसी ने छह जिलों को मिला कर बने कलस्टर में पहला स्थान हासिल किया है। कार्यशाला में बताया गया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने में किशोर स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित कार्यक्रमों की भूमिका अहम होती है। अगर किशोरावस्था में सही पोषण मिले और नियोजित परिवार के बारे में जानकारी हो तो किशोरी एक स्वस्थ मां की भूमिका निभाएगी। आगे चल कर किशोर-किशोरी ही दंपति बनते हैं और अगर उन्हें समय रहते स्वास्थ्य, पोषण और परिवार नियोजन की शिक्षा दी जाती है तो वह एक स्वस्थ परिवार और समाज की रचना करते हैं। टीम भावना से कार्य करते हुए सहयोगी संस्थाओं की मदद से ऐसे कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करनी होगी। परिवार नियोजन संबंधित ड्यू लिस्ट बेहतर तरीके से तैयार करने के बारे में भी बताया गया। इस दौरान पीएसआई इंडिया संस्था की प्रोग्राम मैनेजर कृति पाठक ने गोरखपुर और देवरिया जिले में संस्था के प्रयास पर प्रकाश डाला। उन्होंने मलिन बस्तियों में परिवार नियोजन और किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के संकेतांकों में सुधार के बारे में भी जानकारी दी। शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम में अकेले 14 कायाकल्प अवार्ड गोरखपुर को मिलने के पूर्व इन सभी इकाईयों को तैयार करने में जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक (क्वालिटी) विजय कुमार श्रीवास्तव ने विशेष भूमिका निभाई। कार्यक्रम में उनकी भूमिका को भी सराहा गया। विजय ने ऐसे समय में सहयोग किया जब जिले में जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट का पद खाली था। एक बार एनक्वास अवार्ड और तीन बार कायाकल्प अवार्ड जीतने वाली गोरखपुर की बसंतपुर यूपीएचसी की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल को यह उपलब्धि टीम भावना से कार्य करने के कारण मिल सकी। अस्पताल के हर सदस्य का प्रयास होता है कि उपलब्ध समस्त सेवाएं समुदाय को दी जा सकें। कार्यक्रम के दौरान एनयूएचएम की मंडलीय कंसल्टेंट डॉ प्रीति सिंह, क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ जसवंत कुमार मल्ल, गोरखपुर की यूपीएचसी बसंतपुर, झरना टोला, इस्लामचक, दीवान बाजार, बिछिया, शाहपुर, तारामंडल, निजामपुर, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, तुर्कमानपुर, ईलाहीबाग, शिवपुर सहबाजगंज, अंधियारीबाग, महराजगंज की यूपीएचसी इंदिरानगर, देवरिया की यूपीएचसी चकियावा ढाला, रामनाथ देवरिया, सोमनाथ नगर, कुशीनगर की यूपीएचसी पडरौना को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। डेटा कम एकाउंट असिस्टेंट देवरिया राजेश, महराजगंज रवि प्रकाश और कुशीनगर के अनिल कुमार चौधरी को भी सम्मानित किया गया। गोरखपुर की दो शहरी स्वास्थ्य इकाइयों के सुदृढ़ीकरण में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ अरूण कुमार वर्मा को भी सम्मानित किया गया। एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम को अपने योगदान से मजबूती प्रदान करने वाली संस्थाओं पीएसआई इंडिया और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया गया। पीएसआई इंडिया की पूर्व प्रतिनिधि प्रियंका सिंह को भी पूर्व में दिये गये उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे, एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, ओपीजी राव, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अश्विनी चौरसिया, डॉ मनीष चौरसिया, डॉ शालिनी, डॉ नीतू मौर्या, डॉ हरप्रीत, डॉ दिशा चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, नोडल देवरिया डॉ आरपी यादव, देवरिया की जिला कार्यक्रम प्रबंधक पूनम, शहरी स्वास्थ्य मिशन समन्वयक सुरेश सिंह चौहान आदि रहे।



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