विश्व पेपर बैग दिवस पर बच्चों को किया गया पॉलीथिन के बाबत जागरूक, बताए गए गंभीर नुकसान
खानपुर। विश्व पेपर बैग दिवस पर स्कूली बच्चों को पॉलीथिन से होने वाले प्रदूषण एवं प्राकृतिक पर्यावरण को होने वाले गंभीर खतरे के बारे में जागरूक किया गया। कई स्कूलों में कार्यशाला और जागरूकता सभा आयोजित कर स्कूली बच्चों को पेपर बैग इस्तेमाल करने को प्रेरित किया गया। बभनौली स्थित राधिका रूरल एकेडमी की ज्योति पांडेय ने बताया कि पॉलीथिन और प्लास्टिक के कचरे को सड़ने गलने में सैकड़ों साल लगते है इसलिए सिंगल यूज प्लास्टिक बैग के दुष्प्रभावों को समझना जरूरी है। पेपर बैग कच्चे माल से बने होते है ये रिसाइकिल करने योग्य और बायोडिग्रेडेबल होते हैं। जिसे शुद्धता और सुगमता के साथ सभी अवसरों पर उपयोग कर सकते है। जागरूक लोग प्रतिदिन अखबार, बांस पेपर या गन्ने के गत्ते से बने कागज के बैगों का उपयोग कर रहे हैं जो पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में मदद करते है। डॉ सीमा यादव ने कहा कि वैश्वीकरण, जलवायु परिवर्तन और कच्चे माल की कमी के कारण लोग अपने जीवन शैली में पेपर बैग को इस्तेमाल कर रहे है। पेपर बैग में रख रखाव और आवागमन में उत्तम माना जाता है। एक साधारण बैग में और आकर्षक मुद्रित पेपर बैग में पैकिंग निश्चित रूप से उत्पाद के आकर्षण को बढ़ाती है। पेपर बैग को सावधानी से संभालने के साथ बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।