शम्म-ए-गौसिया मेडिकल कॉलेज में पहुंचे आयुष विवि के कुलपति, आयुर्वेद छात्रों को दे गए शिक्षा की ‘संजीवनी’





नन्दगंज। क्षेत्र के सहेड़ी स्थित शम्मे गौसिया माइनॉरिटी पीजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में बुधवार को संक्रमण कालीन पाठ्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. डॉ अवधेश कुमार सिंह ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इसके पश्चात आयुष के देवता भगवान धनवंतरी की आरती की गयी। मुख्य अतिथि प्रो. डॉ अवधेश सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के लिए सुनहरा समय आ गया है। आयुष विश्वविद्यालय बनने से निश्चित रूप से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा मिलेगा। कहा कि अब आप लोगो के ऊपर निर्भर करता है कि कड़ी मेहनत और लगन से इसका किस तरह से लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने पीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर औऱ एम्स से टाईअप किया है। जिसमे नेचुरोपैथी और योगा को मुख्य रूप से रखा है। साथ ही कई बीमारियों को भी रखा है, ताकि उनके कारण को खोजकर उसे जड़ से दूर किया जा सके। उन्होंने पंच महाभूत के स्पेशपिक गुण और ज्ञानेंद्रियो के बारे में बताते हुए शिक्षकों और छात्रों से कहा कि आर्युवेद की पढ़ाई में अब पढ़ने औऱ पढ़ाने के तरीको को बदलना होगा। आप आयुर्वेद पढ़ने और सीखने आये हैं तो गांव में जाइये वहाँ जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी हासिल कीजिए। साथ ही कौन से गांव में कौन सी बीमारी ज्यादा है, वहाँ के लोग कैसे स्वस्थ रहेंगे, उनकी दिनचर्या क्या है, रात्रि चर्या क्या है, यही सबको बताना और सिखाना है। आयुर्वेद का मुख्य काम भी तो यही है। अगर आपके अन्दर लगन के साथ, कठिन परिश्रम, दूर दृष्टि, पक्का इरादा है तो आपको एक अच्छा डॉ बनने से कोई नही रोक सकता। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि यहाँ के छात्र विश्वविद्यालय टॉप करे और जो छात्र टॉप करेगा उसे मैं सम्मानित करूंगा। इस दौरान उन्होंने सभी मेडिकल छात्रों को अपना निजी नंबर भी उपलब्ध कराया और कहा कि किसी भ्ी तरह की समस्या होने पर मुझे सीधे बताएं। कहा कि एम.डी., एम.एस. में टॉप करने वाले छात्रों को रिसर्च के लिए मैं विश्वविद्यालय में भी रख लूंगा। उन्होंने कहा योगा और नेचुरोपैथी के लिए एक खुशखबरी है कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर एक डीवाईएनएस बना रहा हूँ। अभी तक यह बोर्ड नही बना था जो जल्द ही बनाकर लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा साथ ही आयुष विश्वविद्यालय से इस कोर्स को भी कराया जाएगा। इस बीच एम.डी., एम.एस. करने वाले छात्र-छात्राओं को पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर द्वारा प्राप्त उपाधि को मुख्य अतिथि के हाथों वितरित किया गया। अंत में शम्मे ग्रुप्स ऑफ हायर एजुकेशन के फाउंडर व प्रबन्ध निदेशक डॉ मो. आज़म कादरी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस दौरान आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी ने स्वागत भाषण तथा इन्द्रजीत प्रसाद ने मुख्य अतिथि के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया। हण्डिया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रो. डॉ शैलेन्द्र सिंह मुख्य वक्ता के रूप में आयुर्वेद के विषय पर अपना उद्बोधन दिया। राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज वाराणसी के प्रो. डॉ रामनिहोर तपसी जायसवाल ने स्वयं द्वारा लिखित पुस्तक ‘पदार्थ विज्ञान एवं आयुर्वेद का इतिहास’ मुख्य अतिथि को भेंट स्वरूप दिया। इस मौके पर संस्था के निदेशक डॉ मोहसिन सिद्दिकी, डॉ शादाब सिद्दिकी, शाकिब सिद्दिकी, डॉ साजिद कादरी, शिक्षा निदेशक नैय्यर रिजवी, रविन्द्र श्रीवास्तव, अलाउद्दीन, श्रीप्रकाश राय आदि रहे। अध्यक्षता फाउंडर व प्रबन्ध निदेशक डॉ मो. आज़म कादरी तथा संचालन डॉ गजनफर इमाम ने किया।



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