दादी राणी सती का 56 भोग से हुआ वार्षिक श्रृंगार, मुंबई की गायिका ने बिखेरा संगीत का जादू
सैदपुर। ‘धर्म समाज को जोड़ने का कार्य करता है। धर्म का मूल आधार त्याग, मानव सेवा, जीवों पर दया व विश्व बंधुत्व को स्थापित करना है। दादी राणी सती ने मानव समाज को प्रगति के साथ समूचे मानव समुदाय के कल्याण के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।’ उक्त बातें स्थानीय पक्का घाट स्थित दादी राणी सती मन्दिर के 53वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में संयोजन समिति के अध्यक्ष प्रदीप तुलस्यान ने कहीं। कहा कि धर्म प्रदर्शन की चीज नहीं लेकिन आस्था का मज़ाक या उपेक्षा भी नहीं की जा सकती। कहा कि पक्का घाट के पास स्थित दादी राणी सती का मन्दिर 53 वर्षों में भक्तों की अपार संख्या और आस्था का आधार बन चुका है। इस दौरान पूरे मंदिर की भव्य सजावट करने के साथ ही प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया गया था व 56 भोग लगाए गए थे। इसके अलावा मुम्बई की प्रख्यात संगीत गायिका माधुरी मधुकर द्वारा पूरी रात देवी गीत प्रस्तुत किए गए। जिसे सुनने के लिए पूरे नगर से महिलाएं पहुंची थी। मुख्य चौराहा से मंदिर परिसर तक सड़क दुल्हन की तरह सजाई गई थी। इसके अलावा भंडारा भी आयोजित किया गया। इस मौके पर अवध बिहारी मित्तल, अमित पोद्दार, बृजेश जायसवाल, प्रीतम जायसवाल, आशीष, हर्ष अग्रवाल आदि रहे।