‘डॉक्टर बेटे’ की शादी में पिता के रूप में सैदपुर आ रहे भारत के रक्षामंत्री, 8वीं में यूपी टॉप करने पर बतौर मुख्यमंत्री लिया था गोद
सैदपुर। नगर के वार्ड 11 से सटे मदारीपुर में आगामी 27 फरवरी देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपने गोद लिए चिकित्सक पुत्र के विवाह में शामिल होने के लिए आएंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ सिंह के भी साथ आने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए प्रशासन पूरी तैयारी में जुट चुका है और लगातार अधिकारियों का दौरा हो रहा है। इसके साथ ही गुरूवार को सेना के हेलीकॉप्टर ने भी हवाई जायजा लिया। गुरूवार को जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह व पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह ने कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया और रूटमैप तैयार किया। रक्षामंत्री ने 2002 में यूपी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान कक्षा 8 में प्रदेश टॉप करने पर विजेंद्र को गोद लिया था और तभी से वो न सिर्फ उनकी पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, बल्कि अब उनके विवाह में पिता की कमी को पूरी करने के लिए शरीक होने भी आ रहे हैं। कुछ लोग इसे जहां एक पिता की जिम्मेदारी मान रहे हैं तो अन्य दलों के लोग इसे राजनैतिक समीकरण की दिशा में दलित वोट बैंक की नजर से भी देख रहे हैं। वर्तमान में विजेंद्र अयोध्या के फैजाबाद स्थित गोसाईंगंज सीएचसी पर चिकित्सक हैं। मूलतः आजमगढ़ के रासेपुर स्थित वीरपुर निवासी डॉ. विजेंद्र कुमार के पिता स्व. जगन्नाथ का बचपन में ही निधन हो गया था। जिसके बाद उनकी मां सुशीला देवी विजेंद्र समेत अपने बाकी के दोनों बच्चे विपिन व मंजेश को लेकर अपने सैदपुर के मदारीपुर स्थित अपने पिता स्व. गुल्लम राम के यहां चली आईं और इसके बाद यहीं उनकी परवरिश हुई। यहां पढ़ाई के दौरान विजेंद्र को किसी रिश्तेदार ने वाराणसी के मोहनियां स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में प्रवेश दिला दिया और वहां से इन्होंने कक्षा 8 की बोर्ड परीक्षा में पूरे प्रदेश में टॉप किया था और दूसरा स्थान चौबेपुर के शिवप्रसाद का था। टॉपर विजेंद्र व सेकेंड टॉपर शिवप्रसाद को तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने गोद लेकर जीवन भर उनकी पूरी जिम्मेदारी उठाने का वादा किया। इसके बाद 3 भाईयों में सबसे बड़े विजेंद्र ने हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा कानपुर से की और एमबीबीएस की पढ़ाई बिहार के किशनगंज स्थित माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से पूरी की और फिर दिल्ली में संविदा पर चिकित्सक की नौकरी की। इसके बाद वर्तमान में उनकी तैनाती अयोध्या के फैजाबाद स्थित गोसाईंगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर है। विजेंद्र के मंझले भाई विपिन भी बड़े भाई से प्रेरित हैं लेकिन वो दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी करते हैं, वहीं छोटे भाई मंजेश अभी बीएड कर रहे हैं। डॉ. विजेंद्र ने बताया कि रक्षामंत्री द्वारा गोद लिए जाने के बाद वो हमेशा उनसे व उनकी मां से मिलते जुलते रहते हैं और फोन पर हाल चाल लेते रहते हैं। बताया कि उनकी शादी अनौनी के इटहां निवासिनी कृतिका से तय हुई है और उनके पिता भी संयोगवश रक्षा मंत्रालय के अधीन आयुध फैक्ट्री में तैनात हैं। बताया कि 27 फरवरी को शादी तय है, जिसके लिए बीते 14 फरवरी को वो शादी का कार्ड देने के लिए रक्षामंत्री के आवास पर मां के साथ गए थे। रक्षामंत्री ने भरोसा दिया था कि वो आएंगे। विजेंद्र के मामा रामधनी राम ने बताया कि विजेंद्र बचपन से ही होनहार थे और आज उनके चलते हमारे छोटे से घर में देश के रक्षामंत्री का आगमन हो रहा है। वहीं उनकी मां सुशीला ने रक्षामंत्री को भगवान का दर्जा देते हुए कहा कि वो हमारे और हमारे परिवार के लिए भगवान हैं। उनके चलते ही आज विजेंद्र इस मुकाम पर पहुंच पाया। यही बात विजेंद्र ने भी कही, उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री ने उनका हर कदम पर साथ दिया, वरना आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं थी कि वो पढ़ाई जारी रख पाते। इधर रक्षामंत्री के आने की पुष्ट व डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के आने की अपुष्ट सूचना के बाद प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया। जहां बिजली की दुर्व्यवस्था थी वहां रातों रात नए एबीसी केबल लगाया जाने लगा। जर्जर हो चुकी सड़कों को चमकाने के लिए पीएनसी समेत नगर पंचायत कर्मी जुट गए, जर्जर विद्युत पोल की भी मरम्मत की जाने लगी। नगर पंचायत के ईओ संतोष चौहान से लगायत लेखपाल धीरेंद्र सिंह, विद्युत वितरण खंड तृतीय के एक्सईएन आशीष चौहान आदि पूरे दिन कर्मचारियों संग मौके पर जुटे रहे। सुबह करीब 11 बजे पहुंचे डीएम एमपी सिंह व एसपी ओपी सिंह ने कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। किस रास्ते से रक्षामंत्री आएंगे और कहां पर वाहन खड़े होंगे, इसका पूरा रूटमैप तैयार कराया। पैदल घूमकर पूरी स्थिति देखी। बताया कि घर में जगह कम पड़ेगा, ऐसे में घर के बाहरी हिस्से में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने खुले कमरे में कार्यक्रम किया जा सकता है। इसके पश्चात डीएम व एसपी ने डाक बंगले में अधिकारियों संग मीटिंग किया और आवश्यक दिशा निर्देश देकर मुख्यालय रवाना हो गए।