ऑनर किलिंग : पिता राजेश ने ही दिया था बेटी व सिपाही की हत्या को अंजाम, सिपाही द्वारा प्रेमिका की हत्या किया जाना दिखाकर पुलिस को यूं करना चाहते थे गुमराह





गाजीपुर। खानपुर थानाक्षेत्र के रामपुर व इचवल में हुई बभनौली निवासी सिपाही व उसके प्रेमिका की हत्या का खुलासा आखिरकार पुलिस ने कर दिया। दोनों की हत्या ऑनर किलिंग में ही हुई थी और हत्यारे कोई और नहीं बल्कि मृतका प्रेमिका के सगे मां-बाप, दादा व भाई ही थे। जिसके बाद पुलिस ने पिता राजेश सिंह समेत मां नीलम सिंह, दादा अवधराज सिंह, भाई दीपक सिंह व अंकित सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से हत्या में प्रयुक्त दो पिस्टल व कारतूस भी बरामद हुए हैं। हाईप्रोफाइल बन चुके इस नृशंस व दोहरे हत्याकांड का गुरूवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह ने अपने कार्यालय में खुलासा कर दिया। एसपी ने बताया कि घटना के बाद से ही वो जल्द खुलासे के लिए सीधी मॉनीटरिंग कर रहे थे। जांच में पता चला कि घटना में मृतका युवती के परिजनों का इससे सीधा कनेक्शन है। गहराई से जांच के बाद जब परिजनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसके पिता राजेश सिंह ने हत्या की बात कुबूल करते हुए बताया कि उन्हें 1 माह पूर्व बेटी सोनाली उर्फ सोनिया के सिपाही अजय यादव से संबंध की जानकारी हुई। ये भी पता चला कि उन्होंने 2 साल पूर्व कोर्ट मैरिज कर लिया है। राजेश ने बताया कि इस बात की जानकारी होने के बाद हम सभी ने सोनाली को काफी समझाया और अजय से सारे संबंध खत्म करने को कहा। लेकिन वो नहीं मानी तो छुट्टी पर आए सिपाही अजय को घर बुलाकर समझाने और न माने की स्थिति में उसे जान से मार देने की प्लानिंग की। इसी वजह से उन्होंने सोनाली के मोबाइल से अजय को मैसेज कर घर बुलाया था। इधर सोनाली को समझाने के दौरान स्थिति बदल गई और सोनाली द्वारा पिता का खुलकर विरोध किए जाने पर गुस्से में आकर पिता राजेश ने बेटी के सिर में गोली मार दी जो उसके जबड़े को पार करते हुए पार हो गई। इधर बाद में पहुंचे अजय द्वारा बहस किए जाने पर उसे प्लानिंग करके बात करने के बहाने वहां से कुछ दूर रामपुर स्थित पानी टंकी के पास ले जाया गया और वहां उसे भी गोली मार दी। पिता राजेश ने बताया कि हत्या को अलग रूप देना चाहा। वो चाहते थे कि वो सिपाही की हत्या को कुछ इस तरह से डिजाइन करें, जिससे पुलिस को ऐसा लगे कि युवती की हत्या किसी वजह से सिपाही अजय ने ही की और फिर उसे मारकर खुद को भी गोली मार ली। बताया कि यही वजह थी कि उन्होंने सिपाही को गोली मारने के बाद युवती के मोबाइल को सिपाही की जेब में डाल दिया और पिस्टल को उसके हाथ में पकड़ाकर फरार हो गए। ताकि पुलिस को उसकी जेब से मोबाइल मिलने पर ऐसा लगे कि वो युवती से मिलकर आ रहा है। इसके बाद अगले दिन खुद बेटी की हत्या करके उसे आस पास ढूंढने लगे और लोगों से कहने लगे कि बेटी भाग गई है। बताया कि उनका प्लान ये था कि बाद में बेटी का शव अगर पुलिस को मिलेगा तो यही लगेगा कि सिपाही ने ही उसे गोली मारी और फिर खुद को गोली मार ली। लेकिन पुलिस के डर से घर आकर उन्हें बेटी का शव तुरंत ही घर के पीछे खेत में फेंकना पड़ा। पुलिस के अनुसार, उक्त लाश को घटना की आधी रात में या अगले दिन सुबह फेंका गया था। क्योंकि एक दिन पूर्व जांच में वहां कुछ नहीं मिला था। इस मामले में पुलिस को दो पिस्टल व जिंदा कारतूस समेत युवती के घर से एक खोखा मिला था। लेकिन बेटी का मोबाइल सिपाही की जेब में डालना ही उन्हें भारी पड़ा। क्योंकि उसमें व सिपाही के मोबाइल में उन दोनों के फोटो समेत उनके कोर्ट मैरिज के प्रमाणपत्र भी थे। इसके अलावा उनके व्हाट्सअप चैट्स भी मिले। इस मामले के खुलासे में एसओजी समेत कई टीमें लगी थीं। जिसमें एसओजी प्रभारी विनीत राय, सैदपुर के क्राइम इंस्पेक्टर विश्वनाथ यादव, खानपुर एसओ जितेंद्र बहादुर सिंह, एसआई कृष्णानंद यादव, हेकां संजय पटेल, संजय सिंह रजावत, रामभवन, रामप्रताप सिंह, विनय यादव, अमित सिंह, भाईलाल, वंशराज दुबे, महिला कां. रोली सिंह, कां. संजय प्रसाद, विकास श्रीवास्तव, दिनेश यादव, रामप्रताप सिंह, आशुतोष सिंह, चंदन मणि, कुंज बिहारी, अजय यादव आदि रहे।



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