किसके पाले में जाकर बैठेगा ‘आरक्षण वाला ऊंट‘, आरक्षण सूची जारी न होने से संभावित प्रत्याशियों की लगी धुकधकी, बिना सूची खर्च हो चुके लाखों



विजय बहादुर पांडेय की खास खबर



दुल्लहपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद के लिए अब तक आरक्षण सूची जारी न होने से चुनाव लड़ने वालों की बेचैनी बढ़ गई है। चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों के अब तक लाखों रुपए खर्च हो गए हैं लेकिन अब तक गांव की आरक्षण सूची का पता ही नहीं है। जिसके चलते उनकी धुकधुकी लगी हुई है। ऐसे में अब और खर्च न हो, इसलिए सभी को आरक्षण सूची का बेसब्री से इंतजार है। क्योंकि आरक्षण के सीट रोटेशन को लेकर अनारक्षित समेत हर जाति के उम्मीदवार मानकर चल रहे हैं कि अबकी बार उनकी जाति का आरक्षण होगा। ऐसे में वो हर तरह के दांव पेंच लगाते हुए काफी पहले से ही अपने चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। स्थिति ये है कि अब तक किसी के मरने जीने से मतलब न रखने वाले लोग भी हर तरह के कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कईयों ने सोशल मीडिया से चुनाव लड़ना शुरू भी कर दिया है। अब वो ये उम्मीद कर रहे हैं कि कितनी जल्दी सूची जारी हो जाए और ये पता चल सके कि चुनाव के इस महासंग्राम में कौन अपनी किस्मत आजमाएगा। ऐसे में सूची जारी होते ही किस प्रत्याशी के मंसूबों पर कब पानी फिर जायेगा, ये भी कुछ कहा नहीं जा सकता। इसके बावजूद कोई भी खर्च करने में भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। जिसका लाभ गांव के आम मतदाता उठा रहे हैं। अब देखना ये है कि ‘आरक्षण वाला ऊंट‘ किसके पाले में जाकर बैठता है।



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