कार्डधारक ने मुख्यमंत्री व डीएम को पत्र देकर की कोटेदार के जांच की अपील, कहा - अगर मैं गलत मिलूं तो मेरा भी कार्ड हो निरस्त





सैदपुर। क्षेत्र के होलीपुर निवासी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के कार्डधारकों ने मुख्यमंत्री समेत डीएम को पत्र लिखकर आपूर्ति निरीक्षक की मिलीभगत से कोटेदार द्वारा भारी अनियमितता, पात्रों की जगह मनचाहे अपात्रों को राशन कार्ड जारी किए जाने की शिकायत की है। गांव निवासी कार्डधारक देवेंद्र कुमार, संतोष कुशवाहा आदि का आरोप है कि गांव के कोटेदार मनोज यादव द्वारा हमें राशन कम दिया जाता था। इसके साथ ही कार्ड से नाम भी कटवा दिए जाते हैं और नाम जोड़वाने के नाम पर धन की मांग की जाती है। न देने व विरोध करने पर धमकी देने के साथ ही झगड़ा किया जाता है। आपूर्ति निरीक्षक विजय पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनसे कोटेदार की शिकायत की जाती है तो उल्टा शिकायतकर्ता को ही डांटते फटकारते हैं। कहा कि कोटेदार द्वारा राशन न दिए जाने के बाद उसकी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत की गई। जिसके बाद कोटेदार ने शिकायत किए जाने के कारण नाम कटवाने की धमकी देते हुए 55 की जगह 50 किग्रा राशन दिया। इसके अलावा देवेंद्र ने अपने पिता रामवृक्ष, पत्नी ममता, पंचदेव, ऋषू, कन्हैया, लेखपाल, अजीत, धर्मेंद्र आदि का नाम कटवाने की शिकायत पत्र में की है। कहा कि कोटेदार द्वारा हम पात्रों का नाम कटवाकर अपने कई चहेते अपात्रों के नाम से कार्ड जारी किया गया है। आरोप लगाया कि सम्पन्न होने के बावजूद कोटेदार द्वारा अपने भाई को बीपीएल सूची में जोड़ा गया है। इसके लिए आपूर्ति निरीक्षक से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्र लिखकर देवेंद्र आदि ने जांच कराकर अपात्रों का कार्ड निरस्त करने व मामले में कार्यवाही की मांग की है। वहीं इस बाबत आपूर्ति निरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि अपात्रों को कार्ड जारी किए जाने का मामला तो संज्ञान में नहीं है लेकिन यूनिट कटने को लेकर उक्त व्यक्ति मेरे पास आए थे। जिसके बाबत जब उनसे कुटुंब रजिस्टर की नकल मांगी गई तो उनके भाई के सरकारी नौकरी में होने की बात पता चली। आपूर्ति निरीक्षक ने कहा कि अगर कुटुंब रजिस्टर में उनका नाम है तो इस लिहाज से तो पूरा कार्ड ही निरस्त होना चाहिए। जिस पर देवेंद्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के ज्यादातर लोग इसी श्रेणी के हैं जो घर में सरकारी नौकरी होने के बावजूद राशन कार्ड का लाभ ले रहे हैं। ऐसे में जांच कराकर अपात्रों के कार्ड निरस्त होने चाहिए। कहा कि मेरे भाई अलग रहते हैं लेकिन अगर मैं भी इस दायरे में आता हूं तो मेरा भी कार्ड निरस्त किया जाए।



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