प्रधानमंत्री के अमृत सरोवर योजना को सादात ब्लॉक में लग रहा झटका, महापर्व छठ पर भी अधसूखे हैं झाड़ियों से घिरे सरोवर
भीमापार। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना के तहत चयनित सरोवरों का काम आधा-अधूरा रहने के चलते इस बार छठ व्रतियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस योजना के तहत सादात विकास खंड के मंगारी ग्राम पंचायत स्थित पोखरे को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया गया था। सरोवर को अमृत सरोवर के रूप में चयनित किए जाने और फिर इसकी सफाई कराने के आदेश के बाद आसपास के लोगों में उम्मीद जगी कि इसके अमृत सरोवर के रूप में विकसित किए जाने के बाद छठ व्रतियों को भी एक सुंदर, आकर्षक और सजे-धजे घाट पर भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने का मौका मिलेगा, लेकिन व्रतियों की यह उम्मीद परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। स्थिति ये है कि मंगारी गांव स्थित इस अमृत सरोवर में पानी केवल एक फीट के करीब रह गया है। ग्रामीणों द्वारा सबमर्सिबल से कुछ मात्रा में पानी भरा गया है। बांधों की स्थिति भी खराब हो गई है। सरोवर के पश्चिमी और पूर्वी बांध पर बड़ी संख्या में छठ वेदियां बनी हैं। यहां बड़ी संख्या में व्रती महापर्व छठ के दौरान पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान भाष्कर को अर्घ्य देती हैं। शेष दो तरफ के बांध के पास घास फूस और झाड़ झंखाड़ उग आए हैं। लोगों ने व्यवस्था दुरूस्त कराने की मांग की है।