डीएम ने सैदपुर क्षेत्र में लगाई चौपाल, पंचायत भवन की भी जानकारी न रखने वाले मिर्जापुर के सचिव का रोका वेतन, एडीओ पंचायत से मांगा स्पष्टीकरण
सैदपुर। क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में शुक्रवार की दोपहर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने ग्राम चौपाल लगाकर विकास कार्यों का जायजा लिया और ग्रामीणों की समस्या को सुना। विभिन्न विभागों के विकास कार्यों का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी ने लापरवाही पाए जाने पर मिर्जापुर गांव के सचिव का वेतन रोकने का निर्देश दिया। साथ ही एडीओ पंचायत से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश भी दिया। ग्राम चौपाल में शामिल होने के लिए जिलाधिकारी शुक्रवार की दोपहर लगभग 1 बजे मिर्जापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पर पहुंची। यहां पहुंचते ही विद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वागत गान से जिलाधिकारी का स्वागत किया। इसके बाद विद्यार्थियों ने प्रहसन के माध्यम से अभिभावकों के खाते में भेजे जाने वाले विद्यार्थियों के ड्रेस, स्कूल बैग आदि के पैसों का दुरुपयोग न करने के प्रति जागरूक किया। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों पर खुश होकर उन्हें चॉकलेट पेंसिल आदि देकर सम्मानित किया। चौपाल में जब जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से पंचायत भवन के खुलने की बात पूछी तो ग्रामीणों ने पंचायत भवन कभी न खुलने की बात कही। कहा कि गांव का पंचायत भवन जुआरियों का अड्डा बन गया है। इस मामले में जिलाधिकारी ने जब ग्राम सचिव से बात किया तो वह स्पष्ट उत्तर नहीं दे सकी। जिससे नाराज होकर जिलाधिकारी ने बीडीओ को निर्देश दिया कि वह ग्राम सचिव का वेतन रोक कर उनसे और एडीओ पंचायत से स्पष्टीकरण लें और उन्हें सूचित करें। इसी प्रकार दिव्यांग पेंशन के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी को पता चला कि गांव में तीन दिव्यांग है, जिन्हें पेंशन दी जा रही है। लेकिन जब गांव में दिव्यांगों के आवास के बारे में पूछा तो पता चला की गांव में सात दिव्यांगों के नाम पर आवास आया हुआ है। जिस पर जिलाधिकारी भड़क गईं। उन्होंने कहा जब गांव में तीन ही दिव्यांग है, तो सात दिव्यांगों का आवास कैसे आ सकता है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने बीडीओ को मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस दौरान जिलाधिकारी की जांच में एक मनरेगा मजदूर मिला। जिसने मनरेगा के अंतर्गत काम किया लेकिन उसे आज तक जॉब कार्ड नहीं अलॉट किया गया। इसपर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। इसी प्रकार शुद्ध पेयजल हेतु गांव में अब तक पानी के टंकी का निर्माण नहीं कराए जाने पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर की। ग्राम प्रधान रजई यादव और खंड विकास अधिकारी को गांव में जल्द से जल्द पानी टंकी निर्माण का निर्देश दिया।जिलाधिकारी करीब 3 घण्टे तक गांव में रहीं और शाम 4 बजे गई। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, हैंड पंप, इंटरलॉकिंग, खण्डजा निर्माण, स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी केंद्र संचालन, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, किसान सम्मान निधि, स्वास्थ्य बीमा, पशुपालन और उद्यान पर लोन आदि की जानकारी ली। इस मौके पर उपजिलाधिकारी डॉ पुष्पेंद्र पटेल, सीडीपीओ सोनम सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार आदि रहे।