ए कैटेगरी में शामिल हुआ गाजीपुर, स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान





गाजीपुर। जनसंख्या स्थिरता के लिए स्वास्थ्य विभाग कई अभियान चला रही है। स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों को समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में प्रयासरत है। इसके साथ ही प्रोत्साहित करने के लिए लाभार्थी को स्वास्थ्य केंद्र तक लाने वाली सेवा प्रदाता को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नसबंदी कैंप के आयोजन के साथ परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही सास बेटा बहू सम्मेलन का आयोजन एवं नई पहल किट की वितरण विभाग द्वारा लगातार किया जा रहा है। एसीएमओ व नोडल डॉ केके वर्मा ने बताया कि अप्रैल से दिसंबर तक शासन द्वारा परिवार नियोजन संसाधनों के लक्ष्य निर्धारित किए गए थे और उन लक्ष्यों के सापेक्ष दिसंबर तक जो उपलब्धि हासिल की है, उसके आधार पर गाजीपुर ने शासन के संकेतांकों में ए ग्रेड प्राप्त किया है। डॉ वर्मा ने बताया कि पुरुष नसबंदी पर लाभार्थी को 3000 रुपये प्रतिपूर्ति राशि और आशा कार्यकर्ता को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि, महिला नसबंदी पर लाभार्थी को 2000 एवं आशा कार्यकर्ता को 300, प्रसव के पश्चात आईयूसीडी अपनाने वाले लाभार्थी को 3000 रुपये, अंतरा तिमाही इंजेक्शन पर लाभार्थी को 100 रुपये और प्रसव पश्चात आईयूसीडी प्रेरक को 150 रुपये विभाग द्वारा दिया जाता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि यदि कोई महिला गर्भनिरोधक साधन अपना रही हो या गर्भवती या धात्री हो तो ऐसे सभी लोगों को कोविड-19 का टीकाकरण कराना आवश्यक है। यह टीकाकरण उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएगा, क्योंकि बहुत सी महिलाओं ने इसी भ्रम के चलते अभी तक कोविड-19 का टीकाकरण नहीं कराया है। ऐसे सभी लोगों से स्वास्थ्य विभाग अपील की है कि वह तत्काल कोविड-19 का टीकाकरण करा कर स्वयं और परिवार को सुरक्षित करें।



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