मॉनसून में सर्पदंश के बढ़ रहे मामले, इस तरह समय से सर्पदंश पहचानकर बचाएं जान
जखनियां। बदलते मौसम में सर्पदंश के मामले अधिक पाए जा रहे हैं। सांपों के लक्षण प्रजाति के अनुसार अलग-अलग होते हैं। जिसे बाइट साइट इंस्पेक्शन के जरिए भी पहचाना जा सकता है। इसके पहचान और लक्षण के बारे में कस्बा स्थित चिकित्सा सलाहकार डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्पदंश को पहचानने के लिए हमें ध्यान रखना चाहिए। कहा कि सर्पदंश की जगह पर घाव में दो पंचर या छेद होते हैं। सर्पदंश हुई जगह पर बहुत तेज दर्द होता है और सूजन भी हो जाता है। कभी-कभी काटे हुए स्थान पर सूजन की वजह से छेद या सर्पदन्त नहीं दिखते हैं। इस दौरान नींद आना, जी घबराना, उल्टी लगना यानी पलकों का बार-बार गिरना, निगलने में कठिनाई, पसीना तथा लार का निकलना, आंखों के सामने धुंधलापन, शरीर का नीला पड़ना, बेहोशी, सांस लेने में कठिनाई जैसे सामान्य लक्षण प्रमुख हैं। उपचार के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि सर्पदंश के स्थान से थोड़ा सा ऊपर तक एक कपड़े से शरीर के उस अंग को बांध देना चाहिए। हालांकि यह थोड़ा ढीला होना चाहिए, अन्यथा रक्त आपूर्ति कम होने की वजह से स्थानीय उतकों को क्षति पहुंचती है। कहा कि काटे हुए स्थान को नल के नीचे लगातार धोना चाहिए। कहा कि अगर साँप के दांत उस जगह रह गए हों तो उसे सावधानी से बाहर निकाल लें। इसके पश्चात नजदीकी अस्पताल लेकर मरीज को जाना चाहिए अंधविश्वास पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सबसे पहले मरीज को अस्पताल सही समय पर पहुंचाया जाए, ताकि उसकी जान बचाई जा सके। कहा कि ऐसे मामलों में अधिकतर मौतें घबड़ाहट में दिल के दौरे पड़ने के कारण होते हैं।