गोरखपुर में ‘कोरोना माई’ की पूजा के बाद अब गाजीपुर में शुरू हुई अंधविश्वास की ‘दूसरी लहर’, संक्रमण के मुंहाने पर बैठ कोरोना भगाना चाह रही महिलाएं
सैदपुर। चीन से शुरू होकर आज पूरी दुनिया में फैल चुके कोरोना वायरस के दूसरे लहर का खौफ एक बार फिर से अंधविश्वास के रूप में लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। गोरखपुर में ‘कोरोना माई’ के पूजा की तस्वीरें वायरल होने के बाद अंधविश्वास का यही उपक्रम नगर की महिलाओं में देखने को मिल रहा है। सोमवार को नगर के पुराने बस स्टैंड स्थित मां काली मंदिर के बंद होने के बावजूद दोपहर में मंदिर के सामने सड़क पर महिलाओं की भीड़ जुटी थी। लॉकडाउन में पूरी तरह से खाली सड़क पर श्रद्धालु महिलाओं की भीड़ देख वहां रूककर पूछने पर पता चला कि वो महिलाएं वहां धार देने आई हैं और काली माता की पूजा करके जाने की गुहार लगा रही हैं। महिलाएं कोरोना महामारी को ईश्वर के कोप से बनी आपदा मानकर कोरोना के खत्म होने की गुहार लगा रही हैं। नगर के मां काली मंदिर के बंद होने के चलते सोमवार को महिलाएं अंदर परिसर में तो नहीं जा सकीं, इसलिए उन्होंने सड़क पर ही बैठकर पूजा करते हुए पचरा गाने लगीं और उनसे जाने की विनती करने लगीं। इस बाबत पुजारी सूर्यकांत मिश्र के पुत्र दीपक मिश्र ने बताया कि महिलाएं यहां धार देने आई थीं और ऐसा करीब एक सप्ताह से चल रहा है। महिलाओं ने बताया कि माता का गुस्सा शांत करने के लिए ये धार दिया जा रहा है। ये भी कहा कि किसी पंथी द्वारा उनसे ये तरीका बताया गया है कि भगवती माता, डीह बाबा व ब्रह्म बाबा स्थल पर 21 दिनों तक धार देने से ये महामारी खत्म हो जाएगी। इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं। बहरहाल, धार देने से महामारी जाएगी या नहीं, ये तो नहीं पता लेकिन सड़क पर एक साथ भीड़ लगाकर पूजा करके वो संक्रमण को खुद बुलावा दे रही हैं।