सिधौना : अयोध्या श्रीराम मंदिर में श्रीराम दरबार के प्रतिष्ठित होने पर सिधौना क्षेत्र में मना जश्न, निहाल हुए श्रद्धालु





सिधौना। अयोध्या धाम स्थित श्रीराम मंदिर में स्थापना के बाद श्रीराम दरबार की छवि देख लोग निहाल हो गए। पिछले वर्ष 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम अपने भव्य प्रासाद में बाल स्वरूप रामलला के रूप में प्रतिष्ठित हुए थे। अब 15 महीने बाद भगवान श्रीराम अपने प्रौढ़ स्वरूप में सपत्नीक, भाइयों व परमभक्त हनुमान जी के साथ प्रतिष्ठित हुए। बहुरा स्थित श्रीरामजानकी मंदिर, सिद्धनाथ धाम सिधौना और गौरी स्थित पर्णकुटी पर श्रीराम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर रामायण पाठ किया गया। पर्णकुटी के मानस भवन में महंथ अरुण दास ने कहा कि बाल रूप में विराजे श्रीराम की नटखट लीलाओं का भाव सबने देख लिया। अब राष्ट्र के आराध्य प्रभु श्रीराम सपरिवार सिंहासन पर विराजमान हुए हैं। समाज में न्यायप्रियता, समभाव, सदाचारिता और नर नारी सम्मान का भाव प्रकट होगा। गौ, गंगा, गीता और ज्ञान का सम्मान बढेगा। काशी रंगमंच कला परिषद सिधौना के अध्यक्ष कृष्णानंद सिंह ने बताया कि रामलला अपने दोनों हाथों में धनुष और बाण लिए थे। अब श्रीराम प्रभु अपने दरबार में एक हाथ में धनुष और दूसरे में श्रीवृद्धि स्वरूप लक्ष्मी आसन कमल का फूल धारण कर लिए हैं, जो देश की समृद्धि का प्रतीक है। धाम का स्वर्णशिखर सनातन के पताका को वैश्विक फलक तक फहराएगा। अयोध्या में श्रीराम धाम की आभा से सनातनी संस्कृति और सभ्यता का प्रभाव देश विदेश में फैल रहा है। देश के कोने-कोने से रामलीला मंचन का प्रस्ताव आ रहा है। देश के बाहर भी लोग राम कथाओं और रामलीला के विषय में जागृति आ रही है। राम चरितमानस में मानवीय मूल्यों और संयुक्त परिवार सहित समाज के हर वर्ग में समानता और सामंजस्य की झलक सम्पूर्ण वैश्विक समाज को प्रभावित कर रही है।



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