माफिया मुख़्तार अंसारी को 36 साल पुराने असलहे के फर्जी लाइसेंस मामले में उम्रकैद, अब तक कितनों मामलों में हो चुकी है सजा, देखें विस्तृत खबर -
वाराणसी। बांदा जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख़्तार अंसारी को 36 साल पुराने फर्जी असलहा लाइसेंस मामले में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 2 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। इस मामले में मुख़्तार अंसारी के खिलाफ 1997 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। मंगलवार को कोर्ट ने मुख़्तार अंसारी को दोषी करार दिया था। मुख़्तार अंसारी के अपील की तरफ से राहत की अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट ने किसी भी तरह की राहत न देते हुए अधिकतम सजा का ऐलान कर दिया। दरअसल, मुख्तार अंसारी पर आरोप था कि उसने 1987 में फर्जी हस्ताक्षर के बल पर दोनाली बंदूक का लाइसेंस हासिल किया था। इसके लिए डीएम और एसपी के भी फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। इस मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन और डीएम के डीएम की भी गवाही हुई थी। मामले में 1997 में चार्जशीट दाखिल किया गया था। कोर्ट ने मंगलवार को मुख़्तार को दोषी करार दिया था। बुधवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के दौरान मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि घटना के समय उसकी उम्र सिर्फ 20 से 22 वर्ष थी और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। वकील ने कहा कि मुख्तार उस समय जनप्रतिनिधि भी नहीं थे और शस्त्र खरीदने का भी कोई साक्ष्य नहीं है। कहा कि वो भ्रष्टाचार के आरोप से बरी हो गए हैं, ऐसे में इस अदालत को दोषी पाने वाली धाराओं में सजा सुनाए जाने का अधिकार नहीं है। हालांकि, अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि प्रभाव का इस्तेमाल किया गया, जो समाज विरोधी अपराध है। पक्ष रखा कि मुख्तार को अब तक सात मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, जिसमें उम्रकैद भी शामिल है। 20 मामले अभी लंबित हैं, ऐसे में अधिकतम सजा दी जाए। बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी को अब तक सात मामलों में सजा हो चुकी है। जिसमें सरकारी कर्मी को धमकाने के मामले में 21 सितंबर 2022 को तीन साल सजा सुनाई गई। हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 23 सितंबर 2022 को दो साल कैद की सज़ा, गैंगस्टर एक्ट में 15 दिसंबर 2022 को दस साल की कैद की सज़ा, गैंगस्टर एक्ट में 29 अप्रैल 2023 को दस साल की कैद की सज़ा, आलमबाग थाने में दर्ज जेलर को धमकाने में सात साल की सज़ा और चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में 5 जून 2023 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही रुंगटा परिवार को बम से उड़ने की धमकी देने में भी अदालत ने 15 दिसंबर 2023 को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी।