विभाग के लापरवाही के भेंट चढ़ गई सरकार की एक और महत्वाकांक्षी योजना, मंत्री से शिकायत के बावजूद नहीं हुई सुनवाई



अमित सहाय की एक्सक्लूसिव खबर



बहरियाबाद। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी “वाई फाई चौपाल योजना“ विभागीय अधिकारियों की सुस्ती और कुम्भकर्णी नींद के चलते किसी हाल में पूरी होती नहीं दिखाई दे रही। इसके तहत सरकार का जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने का सपना अब तक अधूरा ही है। जबकि इसकी शिकायत बीते दिनों इब्राहिमपुर के ग्राम प्रधान अंकुर सिंह ने ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव के पोर्टल पर भी किया था फिर भी कुछ नहीं हुआ। गौरतलब है कि पूर्व संचार एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का गृह जनपद होने के कारण विभाग ने जिले के सभी ग्राम पंचायत भवनों या विद्यालयों या सार्वजनिक स्थानों पर प्राथमिकता के आधार पर बीते सितंबर 2017 से मार्च 2018 तक सीएससी के द्वारा लगभग चार लाख रुपये के सोलर पैनल, दो बैटरी, राऊटर व तीन एंटीना आदि उपकरण भी लगा दिए गए। लेकिन आज तक विभाग द्वारा पावर न देने के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका है। इस बाबत सैदपुर एसडीओ एसके राय ने बताया कि अधिकांश जगहों पर लगे आप्टिकल फाइबर केबल क्षतिग्रस्त हो गये हैं। लेकिन मरम्मत का कोई फंड न होने के कारण उन्हें सही नहीं किया जा सका और जब तक मरम्मत का टेंडर नहीं होगा तब तक पावर देना सम्भव नहीं है। गौरतलब है कि सरकार की मंशा के अनुरूप “वाई फाई चौपाल केन्द्रों“ के द्वारा ग्रामीणों को इंटरनेट का नेटवर्क उपलब्ध कराना है जिससे 30 मीटर की एरिया में इंटरनेट चलाने की स्पीड बढ़ जायेगी और वीडियो कांफ्रेंसिग के द्वारा ब्लाक सम्बंधित व अन्य सारे काम चौपाल केन्द्र से ही सुलभ हो जायेंगे। जिससे ब्लाक व अन्य जगहों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। ग्रामीणों को फसल बीमा, जीवन बीमा, बिजली बिल, बैंकिंग सुविधाएं, मोबाइल रिचार्ज, कम्प्यूटर शिक्षा, कोचिंग सुविधा, किसानों को खाद, बीज, उपकरण इत्यादि सहित कुल 132 प्रकार की अन्य सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।



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