आगमन होगा तो प्रस्थान भी तय है, गुरूकृपा से ही है मोक्ष संभव - मोती यादव





बहरियाबाद। स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान संत मोती यादव ने कहा कि भक्त का भगवान के प्रति समर्पण ही भक्ति कहलाती है। भक्ति निश्छल और निष्काम भावना से होती है। भक्ति मे किसी प्रकार की कोई शर्त नहीं होती है। कहा कि सृष्टि का सत्य यही है कि अगर आगमन है तो प्रस्थान भी है, सृजन है तो विसर्जन भी निश्चित है। इसी सत्य को गुरु की कृपा से जो जानकर निर्भय होकर भक्ति करता है वह जीवन के चरम लक्ष्य को प्राप्त कर सदा-सदा के लिए अमर पद को प्राप्त कर लेता है। इसके पूर्व सत्संग का शुभारम्भ “सम्पूर्ण अवतार वाणी“ एवं “सम्पूर्ण हरदेव वाणी“ के काव्य पाठ से हुआ। इस मौके पर शाखा प्रमुख अमित सहाय, जयराम सिंह, श्याम प्यारी सिंह, श्याम लाल गुप्ता, डा. केके सिंह, रीना मौर्य, गामा कन्नौजिया, रामलगन, शिवकुमार आदि उपस्थित रहे। संचालन घूरन प्रसाद ने किया।



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