प्रशासन की अनदेखी के कारण सूखे ताल-तलैया, सदानीरा तालाबों की सतह में आ गई दरार



विंध्येश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। क्षेत्र के खरौना, पोखरीपुर, बेलहरी, अनौनी, नायकडीह गांवों साथ ही अन्य गांवों में करीब दर्जन भर सदानीरा पोखरे प्रशासन की अनदेखी का शिकार होकर अब सूख चुके हैं और अब वो पशुओं के चारागाह के काम आते हैं। क्षेत्र के बेलहरी गांव में कभी सबसे बड़े तालाब का तमगा प्राप्त तालाब अब पूरी तरह से सूख चुका है, यहां तक कि उस तालाब की तलहटी में दरारें भी पड़ गई हैं। वहीं अनौनी स्थित तालाब में पानी की जगह सिर्फ कीचड़ दिख रहा है। मनरेगा के तहत खोदे गए कई गांवों में तमाम आदर्श तालाब सूख कर अब बच्चों के क्रीड़ास्थल बन चुके हैं। तालाबों की तरफ प्रशासन का ये सौतेला रवैया न सिर्फ गांव में बल्कि आस पास के पूरे क्षेत्र में पानी की कमी के रूप में सामने आ रहा है। सैदपुर में भी अब पानी का संकट गहराने लगा है। जबकि यहां 200 से अधिक छोटे बड़े तालाब हैं। लेकिन बीते वर्ष अच्छी बारिश न होने के चलते स्थिति काफी भयावह दिख रही है। क्योंकि इस बार समय से पहले कड़ी धूप और भीषण गर्मी शुरू हो जाने के चलते अप्रैल के अंत में ही अधिकांश जलाशय सूख चुके थे। कई गांवों का भूगर्भ जलस्तर भी काफी नीचे खिसक गया है, जिसके चलते पेयजल की भी समस्या सामने आ रही है। क्षेत्र के तालाब पोखरियां आदि सूख जाने और नदियों का जलस्तर कम हो जाने से पशु पक्षियों के सामने भी पानी का संकट पैदा हो गया है। भूगर्भ जलस्तर नीचे चले जाने से हैंडपंपों और ट्यूबवेलों की बोरिंग फेल हो जा रही हैं। फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को कुँए के अंदर इंजन डालना पड़ रहा है इसके बावजूद पानी नहीं मिल पा रहा है। कई गांवों में तो भूगर्भ जलस्तर खतरनाक स्थिति तक चला गया है। जबकि भूगर्भ जलस्तर तीन से चार मीटर नीचे होना चाहिए। तालाबों में पानी होने के बाबत प्रशासन भी कोई कदम उठाता नहीं दिख रहा है। जिससे लोगों में नाराजगी है।



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