विभाग की छोटी लापरवाही चलते एक माह से ‘जहर’ पीने को विवश हुए हजारों लोग
विंध्येश्वरी सिंह की खास खबर
खानपुर। थानाक्षेत्र के खरौना में बीते एक माह से नलकूप खराब होने के चलते हजारों ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है। इस समस्या के लिए ग्रामीणों ने डीएम से लगायत मुख्यमंत्री व विभागीय अधिकारियों से लखनऊ मुख्यालय तक शिकायत किया है। इसके बावजूद वो एक-एक बूंद पेयजल के लिए तरस रहे हैं। गाज़ीपुर के आखिरी छोर पर गोमती नदी के किनारे बसे गांव खरौना में सात वर्ष पूर्व ही गांव के सभी जलस्त्रोतों को आर्सेनिकयुक्त घोषित किया जा चुका है। जिसके बाद करीब ढाई हजार की आबादी वाले इस गांव के लोगों के लिए जलनिगम द्वारा वर्ष 2014 में एक करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से 200 किलोलीटर क्षमता की टंकी और नलकूप का निर्माण कराया गया। इस टंकी के चलते 4 किमी के दायरे में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने की व्यवस्था हो गई थी। लेकिन अब बीते एक माह से महज छोटे से फाल्ट के चलते टंकी बंद पड़ी है। टंकी से पानी न मिलने के चलते विभागीय उपेक्षा का शिकार हो चुका ये नलकूप जहां महज शोपीस बनकर रह गया है वहीं शुद्ध पेयजल न मिलने से हजारों ग्रामीण एक माह से खतरनाक आर्सेनिकयुक्त पानी पीने को विवश हैं। इस बाबत पंप आपरेटर गोपाल यादव ने बताया कि इस नलकूप के बाबत दर्जनों ग्रामीणों ने गाजीपुर के अधिशासी अभियंता से लगायत जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री तक से शिकायत की है। लेकिन नतीजा सिफर रहा। कहा कि अब जब तक अधिकारी कुछ कदम नहीं उठाएंगे, क्या कहा जा सकता है।