अब बेटियों के जन्म पर भी खुशियां बांटेंगे लोग, पैदा होते ही साथ लेकर आएंगी ‘धन’





गाज़ीपुर। समाज में प्रचलित कुरीतियों और भेदभाव के चलते अब बेटियों को स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं रहना होगा। समाज में व्याप्त बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या और असमान लिंगानुपात को खत्म करने और बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच में बदलाव लाने के लिए सरकार ने पूरे प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना लागू करने का निर्णय लिया है। ऐसे में कई विभागों के सहयोग से कन्या सुमंगला योजना को सुचारू करने की पहल की जा रही है। इस योजना से बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा साथ ही उन्हें आवश्यक टीके लग जाने से कई जानलेवा बीमारियों से भी सुरक्षा मिलेगी। इस बाबत प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव मोनिका एस. गर्ग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, बाल विकास, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा सहित महिला कल्याण निदेशालय को पत्र जारी कर योजना को क्रियान्वित करने के लिए निर्देश जारी किया है। बताया कि ये योजना कुल 6 श्रेणियों में लागू होगी। जिसके तहत बालिका के जन्म होने पर 2000 रुपए एकमुश्त मिलेंगे। साथ ही उसे एक वर्ष तक के सभी टीका लग जाने के बाद पुनः 1000 रूपए, कक्षा 1 में प्रवेश के बाद परिजनों को 2000 रुपए, कक्षा 6 में जाने के बाद पुनः 2000 रूपए, कक्षा 9 में जाने के बाद 3000 रूपए और कक्षा 12वीं पास कर स्नातक या उससे इतर कोर्स करने वाली बच्चियों को 5000 रूपए मिलेंगे। बताया कि इस योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिन बच्चियों का जन्म 1 अप्रैल 2019 के बाद किसी प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा हुआ हो। बताया कि इस योजना के लाभ के लिए उसके जन्म के 6 माह के अंदर आवेदन करना होगा। इसके अलावा वो प्रदेश का निवासी हो, परिवार की वार्षिक आय 3 लाख अधिकतम हो, एक परिवार की दो बच्चियों को ही लाभ मिलेगा, परिवार में अधिकतम दो बच्चे ही हों। बताया कि फार्म खंड विकास अधिकारी, एसडीएम कार्यालय, जिला परिवीक्षा अधिकारी या सुमंगला पोर्टल से मिल सकता है।



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