देशी घी खिलाकर किशोरियों को एनीमिया और कुपोषण से निजात दिलाएगा स्वास्थ्य विभाग





ग़ाज़ीपुर। प्रदेश में किशोरियों को एनीमिया और कुपोषण से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा उन किशोरियों के लिए नई योजना की शुरुआत की गयी है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पाती हैं। ऐसे में उन किशोरियों को चिन्हित करके सरकार ने उनमें देशी घी बांटने का आदेश दिया है। वर्तमान में 11 से 14 साल की स्कूल न जाने वाली किशोरियों को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब हर चार माह के अंतराल पर आधा किलो देशी घी निःशुल्क मिलेगा। देशी घी में विटामिन ए, विटामिन के2, विटामिन डी, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व होते हैं जो हार्मोन बनाने और संतुलन के लिए जरुरी होते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद व्यास ने बताया कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने पराग डेरी से देशी घी के वितरण के लिए प्रदेश सरकार ने करार किया है। इसमें जनपद के विभिन्न ब्लॉकों के अंतर्गत लगभग 6,000 किशोरियों को चिन्हित किया गया है। इन सभी किशोरियों के लिए लगभग 29 कुंटल देशी घी जनपद में आ चुका है और इसका वितरण जनपद के 17 परियोजनाओं के माध्यम से किया जाएगा। बताया कि किशोरियों की एनीमिया और कुपोषण को दूर करने के लिए एक दिन में 4.5 ग्राम देशी घी खाने को दिया जायेगा। एक महीने में 112 ग्राम प्रति माह एक किशोरी देशी घी का सेवन करेगी जो चार महीने के लिये 450 ग्राम का पैकेट ब्लॉक की मुख्य सेविका आंगनबाड़ी और पोषण सखी के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा जो पराग डेयरी के माध्यम से जिले के सभी ब्लॉकों पर पहुंचाया जा चुका है।



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