मृतकों के नाम से भी आवंटित हुआ शौचालय, प्रधान व सचिव पर ग्रामीणों ने लगाया सरकारी धन के गबन का आरोप



विनोद खरवार की खास खबर



बिरनो। एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार अपने भ्रष्टाचार विरोधी चेहरे पर चुनाव में दमखम दिखा रही है तो दूसरी तरफ सरकार के ही कुछ नुमाइंदे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर अपनी जेबें भरने व सरकार को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ऐसी ही एक बानगी बिरनो के भैरोपुर गांव में देखने को मिली। जहां सरकार द्वारा दिए जाने वाले शौचालयों को लेकर ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से सरकारी धन के दुरूपयोग का मामला सामने आया है। वहां पहुंचने पर पता चला कि इस गांव में 250 शौचालय बनवाने के लिए सरकार द्वारा धन आवंटित कर रूपया भेजा गया है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान सरकारी धन का दुरूपयोग करने के साथ ही कुछ चिह्नित लोगों को ही शौचालय आवंटित कर रहे हैं और इसकी एवज में वो उनसे रूपया लिए हैं। इसके अलावा कुछ शौचालय मृतकों के नाम पर आवंटित है और उनका रूपया निकाल लिया गया है। इस बाबत ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ही शिव अवतार सिंह का निधन करीब 10 वर्ष पूर्व ही हो गया है। भ्रष्टाचार इस कदर है कि उनके नाम से भी शौचालय आवंटित कर रूपया निकाल लिया गया है और कागज में शौचालय भी बना हुआ दिखा दिया गया है जबकि मौके पर स्थिति बिल्कुल उलट है। गांव के ही कौशल्या देवी, गिरिजा देवी, जगदीश राजभर, अंबिका राजभर, कस्तूरिया देवी, उर्मिला देवी, रघुनाथ खरवार आदि ने बताया कि प्रधान से बार बार कहने के बावजूद उनके घरों में शौचालय नहीं बनवाया गया है। कुछ के यहां बनवाया गया तो उसे अधूरा ही छोड़ दिया गया। कहीं शौचालय बना है तो उसमें गड्ढा नहीं है या छत नहीं बनी है। बताया कि प्रधान द्वारा रूपए का गबन करने के लिए लाभार्थियों से ही शौचालय का गड्ढा खुदवाया जा रहा है। ग्राम प्रधान की इस धांधली के चलते ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने बताया कि इस बाबत ब्लाक मुख्यालय पर बीडीओ को भी शिकायत पत्र दिया गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस बाबत जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम जी गोंड से पूछा या तो उन्होंने बताया कि गांव में 250 शौचालयों के लिए धन आया है। उसमें से 200 शौचालय बनाए जा चुके हैं, 50 बनाने शेष हैं। इसके बाद भी ज्यादा कुरेदने पर उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि जो करना है करिए। ग्रामीणों का आरोप तो इस कदर है कि ग्राम प्रधान उन्हें भी धमकाते हुए कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। उनका लंबा जुगाड़ है। बहरहाल जब एडीओ पंचायत नरेंद्र दुबे से पूरे वाकये की चर्चा कर पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत मिली है। जांच कराने के बाद सही पाए जाने पर ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< दुर्भाग्य है कि आजादी के 70 सालों बाद भी विकासशील है देश, पार्टी ने विकसित भारत का लिया है संकल्प - मनोज सिन्हा
स्वाति सिंह ने दी गाजीपुर शहर को दोहरी खुशी, गाजीपुर में टॉप करने साथ ही प्रदेश में हासिल किया 7वां स्थान >>