देवकली : शुरू हुआ 50वां सप्त दिवसीय मानस सम्मेलन, रामचरित मानस को साध्वी ने बताया आदर्श ग्रंथ
देवकली। मानस परिषद के तत्वावधान में 50वां सप्त दिवसीय मानस सम्मेलन स्थानीय ब्रह्म स्थल परिसर में आयोजित किया गया। इस दौरान प्रवचन के प्रथम दिन बाराबंकी से आईं सोनम शास्त्री ने संगीतमय प्रवचन किया। कहा कि रामचरित मानस एक आदर्श ग्रन्थ है और ये पूरे विश्व में पूज्य है। कहा कि इसके सभी पात्र आदर्शों से परिपूर्ण हैं। भाई से भाई, पिता-पुत्र, सास-बहू, मित्र से मित्र, पति-पत्नी के बीच का संबध कैसा होना चाहिए, इसकी सम्पूर्ण शिक्षा इसमें मिलती है। कहा कि ये सभी जाति, धर्म, सम्प्रदाय के लोगों के लिए अनुकरणीय है। कहा कि सनातन धर्म की जड़ें गहरी हैं। अनगिनत बार विदेशी ताकतों द्वारा हमला करने के बावजूद सनातन धर्म जिन्दा है। कहा कि आज मानव पश्चिमी सभ्यता की ओर भाग रहा है और यही पतन का कारण है। कहा कि मानव जीवन बड़े भाग्य से मिला है और ये देवताओं को भी दुर्लभ है। कहा कि ये आज मिला है, कल मिलेगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। इस मौके पर अर्जुन पाण्डेय, रामनरेश मौर्य, नरेन्द्र मौर्य, दयाराम गुप्ता, रामकुंवर शर्मा, अवधेश मौर्य, पवन वर्मा, त्रिलोकी नाथ गुप्ता, अशोक कुशवाहा आदि रहे। अध्यक्षता प्रभुनाथ पाण्डेय व संचालन संजय श्रीवास्तव ने किया। बताया कि रोजाना शाम 5 से रात 9 बजे तक प्रवचन किया जाएगा।