भारत बंद के समर्थन में सैदपुर में 4 घंटों तक भीम आर्मी व आजाद पार्टी ने सड़क पर किया उपद्रव, तोड़फोड़ के साथ पुलिस से की छीनाझपटी





सैदपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमीलेयर आरक्षण व आरक्षण के वर्गीकरण के बाबत दिए गए फैसले के विरोध में आरक्षण से जुड़े तमाम संगठनों सहित बसपा सुप्रीमो द्वारा आहूत भारत के बंद के दौरान सैदपुर में करीब 4 घंटों तक सड़क पर जमकर अराजकता देखने को मिली। इस दौरान सैदपुर में बसपा द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन व जुलूस में भीम आर्मी सहित अन्य दल शामिल हो गए और बसपा नेताओं द्वारा समझाने के बावजूद करीब 4 घंटों तक सड़क पर प्रदर्शन किया। इस दौरान जहां कई लोगों के व्यवसायिक स्थलों को तोड़फोड़ दिया, वहीं कई वाहनों को तोड़ा। डंडे के बल पर लोगों की दुकानों को जबरदस्ती बंद कराते हुए कईयों के दुकानों पर डंडा पीटा। जाम के दौरान एंबुलेंस तक को नहीं जाने दे रहे थे, हालांकि बाद में समझाने पर एंबुलेंस को जाने दिया। इस दौरान दो बार उन्होंने रेलवे क्रासिंग पर बैठकर ट्रेन भी रोकने का प्रयास किया लेकिन फिर वहां से हट गए। घंटों तक चले इस उग्र प्रदर्शन में कई बार पुलिस से छीना झपटी तक हुई। एक बार तो सैदपुर कोतवाल व खानपुर एसओ की वर्दी से भी प्रदर्शनकारी हाथ डालने से पीछे नहीं हटे। करीब 4 घंटों तक के प्रदर्शन के बाद दोपहर 2 बजे जाकर खत्म हुआ। जिसके बाद पुलिस की जान में जान आई। नायब तहसीलदार को पत्रक देने के बाद बसपा के जितेंद्र मानव व सपा के विधानसभा अध्यक्ष कमलेश यादव ने कहा कि क्रीमीलेयर आरक्षण व वर्गीकरण को हम किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। इस आदेश को रद करने के लिए सरकार विधेयक लाकर कानून बनाने के साथ ही आरक्षण के कानून को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करे। बसपा ने 4 सूत्रीय पत्रक में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में जजों की नियुक्तियों से संबंधित कोलेजियम सिस्टम को भी समाप्त करते हुए जजों का चयन यूपीएससी से कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमीलेयर का आरक्षण खत्म किए जाने के फैसले के विरोध में बसपा चीफ मायावती द्वारा भारत बंद बुलाया गया था। जिसके लिए बसपा के विधानसभा अध्यक्ष राजतिलक के नेतृत्व में तरवनियां में बसपा कार्यकर्ता जुटे और वहां से बसपा का झंडा लहराते हुए विरोध प्रदर्शन करते हुए रवाना हुए। बसपा के मंडल कोआर्डिनेटर जितेंद्र मानव ने बताया कि जुलूस लेकर आगे बढ़ने के दौरान नई सड़क तिराहे पर जुलूस में आजाद पार्टी व भीम आर्मी के लोग घुस गए और नारेबाजी करते हुए दुकानों को जबरदस्ती बंद कराने व तोड़फोड़ करने लगे। जबकि हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रहे थे। आगे बढ़ने पर तहसील मुख्यालय पर सपा के कार्यकर्ता व नेता भी अपना झंडा लेकर पहुंच गए। वहां उनके साथ हमने पत्रक लेने के लिए खुद बाहर आए नायब तहसीलदार विजयकांत पांडेय को पत्रक सौंपा और सभी से अपील किया कि अब सभी लोग संजय वन में पहुंचें और वहां से अपने घरों को चले जाएं। लेकिन बाहरी लोगों ने चक्का जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जितेंद्र मानव ने बताया कि वहां से अधिकांश बसपा के कार्यकर्ता चले गए लेकिन मैं लोगों को नियंत्रित करने के लिए रूक गया और उन्हें नियंत्रित करने का प्रयास करने लगा लेकिन वो नहीं नियंत्रित हो रहे थे। कई बार तो प्रदर्शनकारियों ने जितेंद्र मानव को भी धक्का दे दिया। इधर प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन उग्र होता देख नवागत क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार खुद सड़क पर उतरे और लाउडस्पीकर से भी उन्हें समझाने का प्रयास किया। कोतवाल विजयप्रताप सिंह व खानपुर एसओ प्रवीण यादव मय फोर्स सभी को समझाने का प्रयास करके सड़क से हटाना चाह रहे थे लेकिन वो हटने को तैयार नहीं थे। तहसील के सामने कुछ देर प्रदर्शन के बाद वो आगे बढ़ते हुए रेलवे क्रासिंग पर पहुंच गए और पटरियों पर बैठकर ट्रेन रोकने का प्रयास किया लेकिन ट्रेन आने के पहले ही वो वहां से हटकर कुछ आगे सादात-गाजीपुर मार्ग के तिराहे पर पर पहुंच गए और वहां चक्का जाम कर दिया। इस बीच बारिश होने लगी तो भी वो हटने को तैयार नहीं थे। बाइक सवारों को देखकर वो जबरदस्ती धक्कामुक्की करते हुए उन्हें रोक रहे थे। वहीं चार पहिया व बसों पर लाठी डंडा भी चला रहे थे। भीषण जाम के चलते वाहन पीछे भी नहीं जा पा रहे थे। इधर उनका प्रदर्शन उग्र होता देख कोतवाल व खानपुर एसओ ने उन्हें जबरदस्ती रोकने की कोशिश की तो उपद्रवियों ने उनकी वर्दी भी पकड़ ली। इसके बाद उन्होंने वहां से गुजर रहे उनके किसी परिचित का ट्रैक्टर रोका और बीच सड़क पर आड़ा तिरछा लगाकर खड़ा कर दिया, ताकि कोई वाहन न गुजर रहे। इस दौरान वहां मौजूद दो महिलाएं भी बेहद आक्रामक मुद्रा में नजर आईं और उनमें से एक महिला तो ईंट उठाकर गालियां देते हुए मारने को उतारू थी लेकिन महिला सिपाही ने कुछ ही देर में ईंट को छीन लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की की एक टुकड़ी वहां से रेलवे क्रासिंग की तरफ बढ़ी और वहां इमरजेंसी के लिए लगाए गए स्लाइडर फाटक को खींचकर फाटक बंद कर दिया। वहां से वो पुनः तहसील के सामने पहुंचे और वहां रेलवे की पटरी रखकर सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया। इसके बाद कम से कम 4 बार एसडीएम रवीश गुप्ता उनके पास पहुंचे और उन्हें बार-बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वो मोदी योगी मुर्दाबाद, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, सुप्रीम कोर्ट मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए उन्हें बार-बार वापिस भेज दे रहे थे और तत्काल न्याय की मांग कर रहे थे। इसके बाद उनमें से भी एक टुकड़ी फिर से निकली और एक बार फिर से डंडे के बल पर लोगों का दुकान बंद कराने लगे। डर के मारे लोगों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे। एक समय तो ऐसा हुआ कि एक बाइक सवार उधर से बोतल में पेट्रोल लेकर गुजरा और उसने अतिउत्साह में प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि वो अपनी बाइक को फूंक देगा। जिसके बाद प्रदर्शनकारी खुश हो गए और उन्होंने करीब 10 मिनट तक बाइक सवार पर दबाव दिया कि वो अपनी बाइक को फूंके लेकिन बाइक सवार वहां से हट गया। इस बीच भाकपा माले के करीब 8 कार्यकर्ता उनके समर्थन में लाल झंडा लेकर तहसील में पहुंच गए। करीब 2 बजे जाकर भीम आर्मी ने अपने संगठन का पत्रक एसडीएम को दिया और एसडीएम ने उस पर ‘प्राप्त किया’, तब जाकर वो बाहर आए और प्रदर्शन खत्म किया। तब जाकर करीब 4 घंटों के बाद सड़क उनके कब्जे से मुक्त हुआ। सड़क पर इस तरह की अराजकता देखकर वहां से गुजर रहे अधिकांश लोग कोस रहे थे। वहीं इस अप्रत्याशित उपद्रव के शुरू होने बाद बसपा नेता भी अपना पल्ला छुड़ाते नजर आए। वहीं सपा नेता व कार्यकर्ता तो उपद्रव शुरू होता देखकर सुबह ही पत्रक देकर वहां से चले गए थे। बहरहाल, घंटों तक हुए इस बवाल के बाद जब जाम खत्म हुआ तो प्रशासन व आमजन ने राहत की सांस ली। इस बाबत पूछने पर कोतवाल विजय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदर्शन खत्म कराया जा चुका है। पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कराई गई है। इस मौके पर विस प्रभारी संजीव कुमार, मंडल कोआर्डिनेटर जितेंद्र मानव, राज भारती, कमला प्रधान, आशीष कुमार, अभिषेक, रिपुंजय, मनीष, श्रीकांत, संतोष, सपा के तरफ से ब्लॉक प्रमुख हीरा यादव, नितेश सिंह भोनू, रामवचन बैरागी, सुनील यादव, अदनान आदि रहे। इसी क्रम में भीमापार अंबेडकर आजाद पार्टी ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया और विरोध जुलूस निकाला। इस दौरान वहां सुरक्षा में पहुंचे कोतवाल व सादात एसओ से पार्टी के अध्यक्ष रोहित कुमार की बहस भी हुई। प्रदर्शन के बाद रोहित कुमार ने अपना मांगपत्र सैदपुर तहसील में एसडीएम रवीश गुप्ता को सौंपा।



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