उम्दा कार्य करने के लिए सीएमओ सहित टॉप-10 चिकित्सा अधिकारी हुए सम्मानित, बेहतर प्रदर्शन न करने वालों को चेतावनी
गोरखपुर। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे समेत जिले के टॉप टेन चिकित्सा अधिकारियों को जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश की तरफ से सम्मान पत्र मिला है। जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा ने जिला स्वास्थ्य समिति की सोमवार को देर शाम तक चली बैठक की अध्यक्षता करते हुए इन अधिकारियों की प्रशंसा की और डीएम की ओर से जारी किए गए प्रमाण पत्र भी दिये। यह सभी अधिकारी नियमित प्रशासनिक कार्य के साथ टेलीकंसल्टेशन में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला विकास अधिकारी ने उन सभी चिकित्सा अधिकारियों और ब्लॉक प्रोग्राम यूनिट को कड़ी चेतावनी भी दी है जो स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। बैठक में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) अभियान पर भी खासतौर से चर्चा की गयी। एक फरवरी को प्रस्तावित इस अभियान में एक से 19 वर्ष तक के लाभार्थियों को स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्र में पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सम्मान पाने वाले चिकित्सा अधिकारियों में एसीएमओ डॉ अनिल कुमार सिंह, बीआरडी मेडिकल कॉलेज हब के चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित चंद, सीएचसी पाली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सतीश सिंह, शहरी स्वास्थ्य केंद्र शक्तिनगर शाहपुर की चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी राय, खजनी के चिकित्सा अधिकारी अखलाक अहमद, पीएचसी बेलवार के चिकित्सा अधिकारी फतेह बहादुर, ब्रह्मपुर पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ ईश्वर लाल, पीएचसी सरदारनगर के चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिओम पांडेय और सीएचसी पिपरौली के अधीक्षक डॉ शिवानंद मिश्र शामिल हैं। डीएचएस की बैठक के दौरान नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, छाया ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण दिवस (वीएचएसएनडी), आंकाक्षी ब्लॉकों में स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम और राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम की बिंदुवार समीक्षा हुई। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, जपाइगो, एवीडेंस एक्शन और सीफार के प्रतिनिधिगण ने भी अपना फीडबैक प्रस्तुत किया। सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अपने क्षेत्र में हुई गर्भवती या प्रसूता की मौत की रिपोर्टिंग अनिवार्य तौर पर करें और मृत्यु के कारणों को पता लगाने के लिए ऑडिट भी कराएं। इससे मातृ मृत्यु रोकने की बेहतर कार्य योजना बनायी जा सकेगी। साथ ही खांसी और बुखार के पांच से दस फीसदी मरीजों की टीबी की जांच कराने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक टीबी रोगियों का पता लगा कर उनका इलाज किया जा सके। शहरी क्षेत्र में नियमित टीकाकरण में प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका बढ़ाने के बारे में भी चर्चा हुई। आशा भुगतान के मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले बीसीपीएम और बिना सूचना गायब रहने वाले एनएचएम कर्मियों पर निर्धारित प्रावधानों के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया। सीएमओ ने बताया कि सभी चिकित्सा अधिकारियों को कहा गया है कि अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं रखें। एनडीडी कार्यक्रम के तहत विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर अपने क्षेत्र के सरकारी और निजी स्कूल व कॉलेज के बच्चों एवं किशोर किशोरियों को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलवाना सुनिश्चित करें। इस मौके पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ बीके सुमन, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ गणेश यादव, डॉ नंदलाल विश्वकर्मा, डीसीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, वित्त अधिकारी डॉ राजीव वर्मा, डीएमओ अंगद सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डीडीएम पवन गुप्ता, एनएचएम कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी, विजय श्रीवास्तव, डॉ अर्चना, डॉ सूर्य प्रकाश, डॉ मुकुल, डॉ कमलेश आदि रहे।