नगरीय पीएचसी पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के स्थिति की हुई समीक्षा बैठक, मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदढ़ बनाने के दिए गए निर्देश
गोरखपुर। महानगर में परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाने में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की अहम भूमिका है। जिले की सभी 23 नगरीय पीएचसी पर परिवार नियोजन के छह साधनों की हमेशा उपलब्धता रहती है। इच्छुक दंपति इन केंद्रों पर पहुंच कर सेवा का लाभ उठाएं। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि नगरीय पीएचसी पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के स्थिति की मंगलवार की शाम को समीक्षा की गयी। इस दौरान मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी सुदृढ़ बनाने का निर्देश दिया गया। सभी नगरीय पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के बीच पीएसआई इंडिया संस्था की प्रोग्राम मैनेजर कृति पाठक ने परिवार नियोजन के साधनों की उपलब्धता और इस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के बारे में प्रस्तुति दी। बैठक की अध्यक्षता कर रहे एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने कहा कि विवाह के साथ ही दाम्पत्य जीवन में प्रवेश कर रहे नव दंपति तक परिवार नियोजन के मुख्य संदेश पहुंचाए जाएं। उन्हें बताया कि पहला बच्चा शादी के दो साल बाद प्लानिंग के साथ करना है। इस बीच उन्हें अस्थायी सेवाओं की जानकारी दी जाए और जो साधन दंपति को पसंद आए वह निरंतर उपलब्ध कराया जाए। प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाए जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस पर भी नवदंपति को आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जिन दंपति को एक बच्चा हो चुका है उन्हें दूसरा बच्चा शादी के तीन साल बाद ही प्लान करने का परामर्श दिया जाए। उन्हें बताया जाए कि ऐसा करने से मां, पहला बच्चा और दूसरा बच्चा स्वस्थ और सुपोषित रहते हैं। दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए भी अस्थायी साधन दिये जाएं। बताया कि बच्चों की जानलेवा बीमारियों से रक्षा के लिए पांच साल में सात बार नियमित टीकाकरण की सुविधा भी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मौजूद है। इस मौके पर शहरी स्वास्थ्य मिशन की मंडलीय समन्वयक डॉ प्रीति सिंह, जिला समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, डीपीएम पंकज आनंद, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश, पीएसआई इंडिया संस्था की प्रतिनिधि प्रियंका सिंह, आदिल, फैजान आदि रहे।