जिले भर में धूमधाम से मना सूर्योपासना का महापर्व, डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर की गई मंगलकामना
सादात। नगर सहित ग्रामीणांचल में स्थित जलाशयों के किनारे छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना किया। चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रतियों द्वारा पारण किया जायेगा। लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ को लेकर सादात नगर, बहरियाबाद, रायपुर, मिर्जापुर, बौरवां, कनेरी, मौधियां, हुरमुजपुर, मजुई, टांड़ा, डिहवां सहित समूचे क्षेत्र में धूम रही। शाम के समय डूबते भगवान सूरज को जलाशयों के किनारे जल चढ़ाया गया। नगर के थाना पोखरा, भोला साव का पोखरा, महावीर पोखरा, टाउन एरिया पोखरा, अमरहिया पोखरा सहित क्षेत्र भर के जलाशयों किनारे हजारों श्रद्धालुओं ने अस्त होने वाले भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की। घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में पुरुष व महिला पुलिसकर्मी मुस्तैदी से डटे रहे। घाटों पर छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। बच्चों के साथ ही युवाओं ने जमाकर आतिशबाजी का लुत्फ उठाया।
नंदगंज। सूर्य उपासना के पर्व डाला छठ में व्रतियों का उत्साह चरम पर है। रविवार की शाम बाजे-गाजे के साथ छठ व्रती और श्रद्धालु क्षेत्र के छठ घाटों पर पहुंचे तथा अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। धूप कम होते ही घाटों पर व्रतियों का आना शुरू हो गया। कई जगह बड़े पर्दे पर क्रिकेट विश्व कप के सीधे प्रसारण की व्यवस्था थी। कईयों ने मैच का लुफ्त लेना चाहा लेकिन धड़ाधड़ विकेट के पतन पर उन्हें छठ पूजा याद आ गईं। जिसके बाद वो गांगी नदी घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने चल दिए। व्रती महिलाएं भी माथे पर फल फूल आदि से लदे सूप लेकर बरहपुर गांगी नदी घाट पहुंचीं। इस दौरान बेलासी, बेलसड़ी, पचारा, नैसारा आदि गांगी नदी के तटवर्ती इलाके छठ गीतों से गूंजते रहे। देवी मंदिर घाट पर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाया गया। तत्पश्चात पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा भारत को विश्व विजेता बनने की प्रार्थना की गई। वहीं सोमवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
जखनियां। स्थानीय कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में छठ मैया की पूजा के लिए व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य देकर मंगल कामना की। व्रती महिलाओं के साथ माथे पर फलों का दौरा लेकर आने वाले लोग बैंड बाजे के साथ तालाबों के किनारे पहुंचे।
इसी क्रम में क्षेत्र के सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंथ भवानी नंदन यति महाराज ने सिद्ध पीठ के शिष्यों की मंगल कामना के साथ ही क्षेत्र के 251 व्रती महिलाओं में साड़ी, फल की टोकरी व अन्य सामान उपलब्ध कराया। इसके बाद छठ की महत्ता बताते हुए कहा कि यह त्यौहार बहुत पवित्र व तपस्या के साथ ही साफ सफाई का होता है। इस व्रत में भगवान सूर्य की पूजा होती है, जिससे हमें पूरे वर्ष सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इस मौके पर बिरनो के देवरहा बाबा, पुजारी सर्वेश चंद्र पांडे, स्वामी अभयानंद यती, लौटू प्रजापति, चौकी इंचार्ज रंजीत सिंह आदि रहे।
भांवरकोल। लोक आस्था के महापर्व के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान क्षेत्र के शेरपुर, सेमरा, बीरपुर, पलिया, फिरोजपुर आदि गांवों में घाटों पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों के साथ घाटों पर पहुंचकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन होगा। इसको लेकर प्रशासन काफी अलर्ट रहा। सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।