वेद इंटरनेशनल स्कूल ने दिखाया आजादी के दीवानों का इतिहास, अनोखी पहल कर अंग्रेजों की गुलामी देख चुके वयोवृद्धों को किया सम्मानित
सैदपुर। क्षेत्र के बासूपुर स्थित वेद इंटरनेशनल स्कूल में देश का 76वां स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के चेयरमैन अनिल श्रीवास्तव ने ध्वजारोहण करके किया। इस दौरान पूरे विद्यालय प्रांगण को तिरंगा मय कर दिया गया था। बच्चे समेत सभी स्टाफ देश भक्ति से ओत प्रोत थे। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता व गाजीपुर के एआरटीओ राम सिंह पहुंचे। उनके अलावा तहसीलदार नीलम उपाध्याय, पूर्व ब्लाक प्रमुख आज़ाद कन्नौजिया, कोतवाल तेजबहादुर सिंह, नपं के अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी आदि पहुंचे। बच्चों ने एक से बढ़कर एक देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सीमा पर हो रहे युद्ध समेत मेजर विक्रम बत्रा के जीवन का जीवंत नाटक प्रस्तुत किया। बेटियों के सेना में जाने को लेकर लोगों की सोच को बदलने के लिए भी नाटक प्रस्तुत किया। इस दौरान आस्था पाण्डेय, रिमझिम पाठक, वेदांशी, अभिज्ञान, अंशिका प्रधान, अंश, अनुराधा, नैन्सी, शुभम, शिवम, अमन आदि नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक और देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। इसके अलावा कार्यक्रम में एक अनोखी परिपाटी का शुभारंभ इस बार किया गया। गुलाम भारत में पैदा हुए कई वयोवृद्धों को उपजिलाधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता के हाथों सम्मानित किया गया। एसडीएम ने सभी बुजुर्गों को तिलक लगाया और प्रबंधक निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने उन्हें अंगवस्त्रम् व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। स्कूल की इस नई और अनोखी शुरूआत की एसडीएम ने भी खूब सराहना की। कहा कि आज सम्मानित हुए ये वो लोग हैं, जो भारत के आजाद होने के पहले भारत में पैदा हुए थे। इस मौके पर दिनेश श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य ऋचा श्रीवास्तव, उप प्रधानाचार्य रितेश कुमार मिश्रा, संतोष कुमार पाण्डेय, प्रतिष्ठित व्यवसायी गोपेश पाण्डेय, विनीत जायसवाल, राममूरत यादव, मेवालाल गुप्ता, रामजी सिंह, जगत नारायण सिंह, वीरेंद्र प्रसाद जायसवाल, डॉ जीएस लाल, डॉ. दिनेश चंद्र बरनवाल, रामरिख पोद्दार, राजकुमार अग्रवाल आदि रहे। कार्यक्रम के पश्चात प्रबंध निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने मंच से ही बच्चों व अभिभावकों से अपील किया। कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव सिर्फ देखने के लिए नहीं, बल्कि हमारे दिलों में भी होना चाहिए। कहा कि आज ये कार्यक्रम खत्म हो जाएगा, ऐसे में अब हमारी जिम्मेदारी ये बनती है कि हम फहराए गए सभी तिरंगों को वही सम्मान दें, जो अपने सबसे प्रिय व्यक्ति या भगवान को देते हैं। कहा कि किसी भी हाल तिरंगा सड़कों पर या सार्वजनिक स्थानों पर न गिरा मिले।