9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने को लेकर हुआ वर्कशॉप का आयोजन





ग़ाज़ीपुर। बाल स्वास्थ्य पोषण माह जिसमें 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाना है। यह कार्यक्रम 3 अगस्त से शुरू होकर 1 माह तक चलेगा। इसको लेकर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के मीटिंग हॉल में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार की अध्यक्षता में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक कैसे और कब देनी है इसके बारे में बैठक में शामिल लोगों को जानकारी दी गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि पूरे जनपद में करीब 42 लाख की आबादी है। जिसमें से 9 माह 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाना है। जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सभी सीडीपीओ, बीपीएम एवं बीसीपीएम को प्रशिक्षित किया गया है। यह लोग अपने-अपने केंद्रों पर जाकर आशा, आंगनबाड़ी को प्रशिक्षित करेंगे और इसके बाद सभी लोग अपने अपने क्षेत्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित करने का काम करेंगी। उन्होंने बताया कि अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर पोर्टल पर पंजीकरण के साथ ही प्रबंधन के बारे में भी जानकारी दी। इस अभियान में नौ माह से पांच वर्ष तक के लक्षित करीब 6.30 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इस दवा से बाल रोगों की रोकथाम होती है। इसके अलावा अभियान का उद्देश्य शिशु स्तनपान, बच्चों को पूरक आहार को बढ़ावा देने और कुपोषण से बचाव करना, गर्भवती को आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग को बढ़ावा देना है। अभियान को सफल बनाने के लिए आशा, एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। डा. उमेश कुमार ने बताया कि सैम बच्चों को चिन्हित करने के प्रमुख लक्षण पैरों में सूजन, भूख में कमी, बुखार, तेज सांस चलना, निमोनिया के लक्षण, उल्टी एवं दस्त है। ऐसे बच्चों को तत्काल चिन्हित कर उनके प्राथमिकी की जांच शुरू कराई जाएगी। ऐसे बच्चों का क्षेत्र में जाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तत्काल बच्चे का वजन कर लें। इसके अलावा बच्चे की लंबाई तथा ऊंचाई भी नाप लें और जो भी रिजल्ट आए उन्हें अपने चार्ट के अनुसार मिलाकर बच्चों को चिह्नित करें। चाई के मणिशंकर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एचएमआईएस डेटा टूल्स के ऊपर प्रशिक्षण दिया गया। यह डेटा टूल्स एचएमआईएस डेटा को फिल्टर करने मे बहुत सहायक है। जिसके सहयोग से डेटा में कहा ग़लत इन्ट्री की गई है, उसको बता देगा। जिसको हम समय रहते सुधार सकते है और ऊपर स्टेट तक ये गलती नहीं पहुंच पायेगी। इस वर्कशॉप में न्यूट्रिशन इंडिया की रीजनल कोऑर्डिनेटर सुनीता, चाई के क्लस्टर लीड मनोज रावत, डीसीपीएम अनिल वर्मा, डीपीएम प्रभुनाथ, यूएनडीपी के प्रवीण उपाध्याय यूनिसेफ के अजय उपाध्याय के साथ ही सभी ब्लाकों के सीडीपीओ, बीपीएम व बीसीपीएम शामिल रहे।



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