सरकारी एंबुलेंस का प्रयोग कर गर्भवती व जच्चा-बच्चा की बचाएं जान, हेल्प डेस्क से 348 गर्भवतियों को मिली मदद





गोरखपुर। जिला महिला अस्पताल पहुंची अगर किसी गर्भवती या जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस की सुविधा चाहिए तो उसे अस्पताल के बाहर स्थित एंबुलेंस हेल्प डेस्क से मदद पहुंचाई जा रही है। डेस्क के कर्मचारी भी गर्भवती को एंबुलेंस की सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करते हैं। अप्रैल 2021 से 20 जुलाई 2022 तक ऐसी 348 गर्भवती को प्रेरित कर एंबुलेंस की सेवा दिलवाई गयी, जो निजी साधनों से अस्पताल पहुँचीं थीं। जिले में संचालित 102 नंबर की 50 एंबुलेंस गर्भवती, जच्चा-बच्चा, नसबंदी लाभार्थी व दो साल तक के बच्चों को निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराने के लिए ही हैं। बेसिक लाइफ सपोर्ट श्रेणी की इन एंबुलेंस में आवश्यक दवा, सुरक्षित प्रसव के किट, ऑक्सीजन, स्ट्रेचर व प्रशिक्षित स्टॉफ उपलब्ध रहते हैं। इसके अति गंभीर मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना कर कम समय में अस्पताल भी पहुंचाया जाता है। पिपरौली ब्लॉक के हरैया गांव की रहने वाली मैना देवी अपनी बहू श्यामलता को दिखाने जिला महिला अस्पताल में 20 जुलाई को गईं। वह आशा कार्यकर्ता बिंदु देवी के साथ आईं थीं। बिंदु ने उन्हें एंबुलेंस से जाने के लिए प्रेरित किया था लेकिन उन्हें कुछ व्यक्तिगत कार्य भी था, इसलिए उन्होंने अस्पताल आने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल नहीं किया। जब श्यामलता की चिकित्सकीय जांच हो गयी तो एंबुलेंस की हेल्प डेस्क कार्यकर्ता प्रेमशीला ने आशा कार्यकर्ता और गर्भवती की सास से मिल कर उन्हें एंबुलेंस से वापस जाने का परामर्श दिया और बताया कि यह सेवा निःशुल्क है। गर्भवती की सास मैना देवी ने बताया कि उनका लड़का इकलौता है। बहू का यह पहला बच्चा है। उन्हें यह पता नहीं था कि वापसी में भी एंबुलेंस की सुविधा मिल सकती है। एंबुलेंस सेवा से जुड़े लोगों के प्रेरित करने पर वह इस सेवा के इस्तेमाल के लिए तैयार हुईं। हेल्प डेस्क से जुड़ीं कार्यकर्ता प्रेमशीला बताती हैं कि बहुत सी गर्भवती इसलिए एंबुलेंस से जाने के लिए तैयार नहीं होतीं कि गांव में लोग मजाक बनाएंगे। उन्हें परामर्श दिया जाता है कि गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच के लिए एंबुलेंस से ही आना चाहिए और इसी से वापस जाना चाहिए। एंबुलेंस का सफर सुरक्षित है क्योंकि इसमें प्राथमिक चिकित्सा की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, यह सेवा निःशुल्क है। एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही संस्था जीवीके ईएमआरआई के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेद्वी ने बताया कि सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सेवा लेने वाले गर्भवती, जच्चा-बच्चा व दो साल तक के बच्चों को भी 102 नंबर की निःशुल्क सेवा का इस्तेमाल करना है।



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