कानूनी रूप से देश का पहला भगोड़ा अपराधी बना विजय माल्या, इन बैंकों का इतना है बकाया, 6 आरोपों की जांच कर रही एजेंसियां





मुंबई। विजय माल्या को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने शनिवार को भगोड़ा घोषित कर दिया। भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून-2018 के तहत माल्या पहला अपराधी है जिसे भगोड़ा घोषित किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसकी अपील की थी। माल्या की संपत्तियां जब्त करने को लेकर 5 फरवरी को सुनवाई होगी। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को लोन दिया था। माल्या लोन नहीं चुका पाया और मार्च 2016 में लंदन भाग गया। माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के भी आरोप हैं। ईडी के साथ सीबीआई और आयकर विभाग भी माल्या के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा है। कोर्ट के फैसले के बाद पीएमओ के राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा, कांग्रेस, जो मोदी सरकार पर विजय माल्या को बचाने का आरोप लगा रही थी, अब कहां है? कांग्रेस, देश में हो रहे सकारात्मक विकास को लगातार गलत साबित करने का प्रयास करती रही। अब वो कहां छुप रही है? ईडी ने पिछले साल जुलाई में पीएमएलए अदालत से अपील की थी कि माल्या को नए कानून (भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून-2018) के तहत भगोड़ा घोषित किया जाए। साथ ही माल्या की 12,500 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त करने की इजाजत भी मांगी थी। माल्या ने ईडी की याचिका पर सुनवाई नहीं करने की अपील की थी। लेकिन, कोर्ट ने 30 अक्टूबर को इसे खारिज कर दिया। ईडी की याचिका के खिलाफ माल्या बॉम्बे हाईकोर्ट भी पहुंचा था लेकिन वहां भी उसकी अपील खारिज हो गई। अब तक माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, लोन की रकम डायवर्ट करने, किंगफिशर एयरलाइंस में वित्तीय अनियमितताएं, शेयरों की राउंड ट्रिपिंग, सर्विस टैक्स नहीं चुकाने व विल्फुल डिफॉल्टर होने का आरोप लग चुका है। इन सभी की जांच एजेंसियां कर रही हैं। वहीं माल्या पर एसबीआई के 1600 करोड़, आईडीबीआई बैंक के 800 करोड़, पीएनबी के 800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया के 650 करोड़ व बैंक ऑफ बड़ौदा के 550 करोड़ रूपयों का कर्ज है। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत 10 दिसंबर को यह फैसला दे चुकी है कि माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जाए। अदालत ने मामला ब्रिटिश सरकार को भेज दिया था। वहां की सरकार अदालत के फैसले से संतुष्ट होती है तो वह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश जारी करेगी। ऐसा होता है तो माल्या के पास 14 दिन में हाईकोर्ट में अपील का अधिकार होगा। माल्या ने अगर प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की तो यूके की सरकार के आदेश जारी करने के 28 दिन में उसका प्रत्यर्पण किया जाएगा। प्रत्यर्पण पर फैसला आने से 5 दिन पहले माल्या ने ट्वीट कर भारतीय बैंकों और सरकार से अपील की थी कि वह 100 प्रतिशत कर्ज चुकाने को तैयार है। उसका प्रस्ताव मान लिया जाए। माल्या ने कहा था “नेता और मीडिया मेरे डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?“



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< ‘‘तुम्हारा नाम मैंने अपने शरीर पर गुदवाया है, मैं टूट चुकी हूं’’ ऑडियो वायरल कर इस अभिनेत्री ने की आत्महत्या
लोकसभा चुनाव लड़ेगा साउथ का ये मशहूर ‘‘विलेन’’ >>