दो बार बदली गई तारीखों के बाद हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक, पीएम मोदी ने दिए थे जवानों को ये निर्देश





नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक में खतरा था, लेकिन उन्हें इस ऑपरेशन की कामयाबी या नाकामी से ज्यादा फिक्र जवानों की सुरक्षा को लेकर थी। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा- मैंने जवानों को संदेश भेजा था कि हर हाल में सुबह होने से पहले वापस आ जाना। मोदी ने कहा कि अदालती प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर अध्यादेश लाने के बारे में विचार होगा। वहीं सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में मोदी ने कहा कि जवानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की तारीख दो बार बदली गई थी। उड़ी हमले में जवानों को जिंदा जलाए जाने के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई थी। मेरे और सेना के भीतर ही भीतर एक गुस्सा पनप रहा था। मैंने जवानों को भेजे संदेश में कहा था कि मिशन की कामयाबी या नाकामी के बारे में मत सोचना। किसी भी प्रलोभन में मत आना और इसे जारी मत रखना। सुबह होने से पहले हर हाल में वापस आना। मोदी ने कहा कि हमारा जोर केवल इस बात पर था कि इस ऑपरेशन के दौरान हमारा एक भी जवान शहीद ना हो। मैं जानता था कि इसमें बड़ा खतरा है। मैंने कभी अपने लिए किसी राजनीतिक खतरे की परवाह नहीं की। मेरी सबसे बड़ी फिक्र केवल जवानों की सुरक्षा थी। मैं नहीं चाहता था कि उन कमांडोज को कोई भी नुकसान पहुंचे, जो हमारे कहे शब्दों के लिए अपना जीवन न्योछावर करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे जवान एलओसी के दूसरी तरफ थे, मैं परेशान था। सुबह के समय करीब एक घंटे तक सूचनाएं मिलनी बंद हो गई थीं, यह समय बेहद मुश्किल था। इसके बाद मुझे बताया गया कि वे अभी वापस नहीं लौटे हैं, हालांकि एक-दो यूनिट सुरक्षित स्थानों तक पहुंच गई हैं इसलिए परेशान ना हों। मैंने कहा कि मैं तब तक निश्चिंत नहीं हो सकता, जब तक हमारा आखिरी जवान वापस ना लौट आए। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान सीमा पार से हमले क्यों करता है, इस पर मोदी ने कहा- एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधर जाएगा, यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी। पाकिस्तान को सुधरने में अभी और समय लगेगा।



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