न्यूट्रीशियन की सलाह पर करें अमल, परिवार को दें खुशहाल जीवन
ग़ाज़ीपुर। सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस पूरे माह में बच्चों के पोषण को को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण भी फैला है, इसलिए पूरी सजगता से इस पर अमल किया जा रहा है। किचन गार्डन के लिए भी आमजन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी संबंध में मुहम्मदाबाद सीएचसी के अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बच्चों और महिलाओं के लिए ज्यादा पौष्टिक आहार के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि न्यूट्रीशियन की सलाह को अमल में लाकर परिवार में खुशहाली लाया जा सकता है। बताया कि बच्चों और महिलाओं के भोजन में प्रोटीन (विभिन्न प्रकार की दाल, सोयाबीन, साबुत अनाज, फलियां) की उचित मात्रा होनी चाहिए। विटामिन सी युक्त मौसमी सब्जियां व फल जैसे नीबू, आंवला, संतरा, मौसमी, अंगूर, पपीता अदि खाने चाहिए। हरी सब्जियों में पालक, बथुआ, चौलाई, सोया, मेथी, सहजन व उसकी पत्ती के अलावा अदरक, तुलसी, लहसुन, प्याज, लौकी, तरोई आदि प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं और खून की कमी को दूर करते हैं। पके हुए कद्दू और पीले फल व सब्जियों में विटामिन ए भरपूर मात्र में होता है, जो पाचनतंत्र और आंखों की रोशनी के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। अपने भोजन में दूध व दूध से बने पदार्थ भी शामिल करें। सीडीपीओ सायरा परवीन ने पोषण माह में किचन गार्डन के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि घर के गीले कचरे का उपयोग कर अपने किचन गार्डन को पोषण दें। एक माह में घर में ही खाद तैयार कर सकते हैं। कहा कि घर के कचरे का सही इस्तेमाल करें और सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्र करें। कहा कि बचा हुआ भोजन एक कंटेनर में जमा कर बनाये किचन गार्डन के लिए खाद बायोडिग्रेडेबल कचरे, जैसे सब्जी और फल के छिलके, बचा हुआ भोजन एक कंटेनर में जमा कर लें और सूखे कार्बनिक पदार्थ जैसे सूखी पत्तियां, लकड़ी का बुरादा, भूसा आदि एक छोटे कंटेनर में जमा कर लें। एक बड़ा मिट्टी का गमला या बाल्टी लें। इसमें चारों तरफ अलग-अलग स्तर पर हवा आने के लिए 4-5 छिद्र कर दें। गमले के अंदर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब बारी-बारी से परतों में खाद्य कचरे को डालना शुरू करें। सूखे कचरे के साथ गीले कचरे को जैसे कि सब्जी और फल के छिलके बारी-बारी से डालें। कंटेनर को एक प्लास्टिक की सीट या एक लकड़ी के पटरी से ढक दें, जिससे इसमे नमी और गर्मी मिलती रहे। ढेर को हवा लगाने के लिए कुछ दिन बाद एक डंडे का उपयोग कर ढक्कन को पलट दें। अगर आपको लगता है ढेर बहुत सूखा है तो इस पर हल्का पानी का छिड़काव करें ताकि नमी बरकरार रहे। इस तरह खाद एक महीने में तैयार हो जाती है। सीडीपीओ ने बताया कि पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी गांव-गांव में जाकर गर्भवती व धात्री महिलाओं से मिलकर पोषण के संबंध में जानकारी देने के साथ ही उनके घर के बाहर किचन गार्डन के बारे में भी बता रही हैं। और कई जगह पोषक तत्वों से भरपूर हरी साग सब्जी भी लगवायी है। जो अब कुछ दिनों में फल देने लगेगा और उसका उपयोग कर गर्भवती व धात्री महिलाएं कुपोषण दूर करेंगे।