5 खतरनाक बीमारियों के बाबत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी जानकारी, टीकाकरण के लिए दिया गया प्रशिक्षण





गाजीपुर। विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव एवं उसके टीकाकरण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) काफी गंभीर है। इसी को देखते हुए बुधवार को सीएमओ कार्यालय के प्रशिक्षण भवन में प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व नवीन पीएचसी के चिकित्सा अधिकारियों को वैक्सीन प्रिवेंटवुल डिजीज (वीपीडी) अर्थात ‘टीकाकरण निवारक रोग’ के बाबत एसीएमओ डॉ उमेश कुमार और डब्ल्यूएचओ के एसएमओ इशांक आगरा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें डॉ उमेश ने बताया कि प्रशिक्षण में पांच बीमारियों मीजिल्स, डिप्थीरिया, नियोनेटल टिटनस, पोलियो और काली खांसी के वैक्सीनेशन को लेकर जानकारियां दी गई हैं। जिसमें इन बीमारियों की पहचान, जांच एवं उपचार के साथ रोकथाम को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. ईशान ने बताया कि मीजिल्स के संक्रमण से कई बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए 9 महीने से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों एवं युवकों का टीकाकरण कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पहले इन बीमारियों के लिए अलग-अलग टीके लगाने पड़ते थे, लेकिन अब मीजिल्स व रूबेला मिलाकर एमआर टीका बनाया गया है। इसी तरह टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का बनाया गया है। टीके लगने से एक साथ पांच से छह बीमारियों से निजात मिलती है। बताया कि डिप्थीरिया एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है। डिप्थीरिया आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, लेकिन डॉक्टर के परामर्श से दवाएं लेने से इससे बचा जा सकता है। डिप्थीरिया के कुछ लक्षण आमतौर पर ज़ुकाम के लक्षणों जैसे होते हैं। डिप्थीरिया के कारण गला खराब, बुखार, ग्रंथियों में सूजन और कमजोरी आदि समस्याएं होती हैं, लेकिन गहरे ग्रे रंग के पदार्थ की एक मोटी परत गले के अंदर जमना, इसकी पहचान का मुख्य लक्षण होता है। इसके अलावा अन्य बीमारियों के लक्षणों व उससे बचाव की जानकारी दी।



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